डीएनए हिंदी: भारतीय खाने में प्याज की बेहद खास अहमियत है. कुछ खास दिनों और खास तरह के भोजन को छोड़ दिया जाए तो प्याज के बिना भारतीय रसोई में किसी भी रेसिपी को तैयार करने के बारे में सोचा भी नहीं जा सकता. इसके चलते प्याज के दाम का बढ़ना या घटना बेहद बड़ी खबर बन जाता है. प्याज की कीमतों का असर सरकारों के बनने-बिगड़ने तक पर भी देखा गया है. खासतौर पर प्याज की कीमतों में उतार-चढ़ाव हर साल मानसूनी सीजन से लेकर दिसंबर अंत तक सबसे ज्यादा देखने को मिलता है. ऐसे में सितंबर से दिसंबर तक सरकार की कोशिश प्याज के दामों को काबू में रखने की होती है. इस बार भी इसकी कवायद शुरू कर दी गई है. सरकार ने इसके लिए प्याज के बफर स्टॉक के एक हिस्से को बाजार में कंट्रोल रेट पर उतारना शुरू कर दिया है, जिससे प्याज की कीमत काबू में हो रही है. इसके अलावा लगातार प्याज के भावी उत्पादन, मौजूदा भंडार और एक्सपोर्ट ऑर्डर्स की भी निगरानी की जा रही है.
पढ़ें- हमारे पुरखे भी दिवाली मनाते थे, तब पटाखे नहीं होते थे, AAP के मंत्री बोले- पहले जिंदगी बचाएंगे
सबसे पहले समझते हैं किल्लत का कारण
प्याज की फसल अमूमन जुलाई-अगस्त से शुरू होकर सितंबर अंत तक लगाई जाती है, जिससे दिसंबर महीने में नई प्याज बाजार में आ जाती है. इस दौरान यदि प्याज उत्पादन वाले राज्यों में ज्यादा बारिश या सूखा पड़ जाता है तो भंडारित प्याज खराब होने से बाजार में किल्लत पैदा हो जाती है.
सरकार कर रही है कैसी कोशिश
कृषि वेबसाइट Ruralvoice ने अपनी रिपोर्ट में उपभोक्ता मामले विभाग के सचिव रोहित कुमार सिंह के हवाले से प्याज की कीमतों पर काबू पाने की कवायद की जानकारी दी है. सिंह के मुताबिक, केंद्र सरकार ने सहकारी संस्था नेफेड को मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) के तहत हर साल प्याज का बफर स्टॉक बनाने की जिम्मेदारी दी है. नेफेड के पास वित्त वर्ष 2022-23 में करीब 2.50 लाख टन प्याज का बफर स्टॉक भंडार में है. इस भंडार में से ही पिछले 3 सप्ताह में 20 हजार टन प्याज नेफेड ने दिल्ली, पटना, लखनऊ, चंडीगढ़, चेन्नई और हैदराबाद जैसे बड़े शहरों में कंट्रोल मार्केट रेट पर उतारा है, जिससे बाजार में किल्लत नहीं हुई है और दाम भी नहीं बढ़े हैं. अब तक 14 राज्यों में करीब 54 हजार टन प्याज बफर स्टॉक से बाजार में भेजा जा चुका है. बफर स्टॉक से प्याज इसी तरह दिसंबर तक धीरे-धीरे बाजार में उतारा जाता रहेगा.
पढ़ें- United Kingdom के पीएम की दौड़ में Rishi Sunak, 128 सांसदों का हासिल है समर्थन
फिलहाल चल रहे हैं ये दाम
रिपोर्ट में बताया गया है कि इस समय देश में 23 से 25 रुपये प्रति किलोग्राम तक के रिटेल रेट पर मिल रहा है. हालांकि नॉर्थ-ईस्ट राज्यों में यह कीमत 40 रुपये प्रति किलोग्राम तक है. यह कीमत उपभोक्ता मामले मंत्रालय के आंकड़ों पर आधारित है. प्याज की कीमतों को स्थिर रखने के लिए केंद्र सरकार ने राज्यों के साथ ही एनसीसीएफ, मदर डेयरी, सफल जैसे उपक्रमों को केंद्रीय बफर स्टॉक से 800 रुपये प्रति कुंतल की कीमत पर प्याज उपलब्ध कराया है.
पढ़ें- पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बेचा अपना घर, जानिए क्या लगी कीमत और किसने खरीदा
अगले सीजन के लिए भी 2.50 लाख टन का बनेगा स्टॉक
रिपोर्ट में बताया गया है कि अगले सीजन में भी प्याज की कीमत पर कंट्रोल के लिए प्याज का बफर स्टॉक नई फसल से बनाया जाएगा. यह टारगेट 2.50 लाख टन का ही रखा गया है.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
Onion Price: इस बार 'आंसू' नहीं निकालेंगे प्याज के दाम, सरकार दिसंबर तक करेगी ऐसा काम