डीएनए हिंदी: जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के भारत में विलय होने की 75वीं वर्षगांठ पर बृहस्पतिवार को पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने एक बार फिर विवादिय बयान दिया. महबूबा ने जम्मू-कश्मीर में भारत की मौजूदगी को ही अवैध बता दिया है. महबूबा ने कहा कि अक्टूबर 1947 में महाराजा हरि सिंह की तरफ से भारत में विलय के लिए हस्ताक्षरित विलय पत्र की शर्तों के बहाल होने तक भारत की जम्मू-कश्मीर में उपस्थिति अवैध है.
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उधर, केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju) ने स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर कश्मीर के संबंध में 'पांच बड़ी गलतियां' करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, इसके चलते 'बेहिसाब जीवन' गंवाने पड़े. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूतकाल की इन्हीं गलतियों को ठीक कर रहे हैं.
जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करना अवैध था
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती अपनी पार्टी के कार्यालय पर आयोजित कार्यक्रम में पहुंची थीं. वहां उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करने के लिए 5 अगस्त, 2019 को लिए गए केंद्र सरकार के सभी फैसले अवैध थे. महबूबा ने कहा, जम्मू-कश्मीर के भारत में विलय की शर्तों को बहाल करना होगा, वरना आपकी यहां मौजूदगी अवैध हो जाएगी. उन्होंने कहा, विलय के समय साल 1947 में हमें मिली गारंटी कानूनी तौर पर नहीं छीनी जा सकती है. यदि अवैध तरीके से ऐसा किया भी जाता है तो इसके लिए भाजपा को फिर से विलय करना होगा. यह किन शर्तों पर होगा, इसका मुझे नहीं पता है.
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26 अक्टूबर की छुट्टी करने वाली सरकार ने ये किया
महबूबा ने कहा, 26 अक्टूबर 1947 को हुए विलय के निर्णय में महाराजा के हस्ताक्षर के साथ ही शेख मोहम्मद अब्दुल्ला का समर्थन भी था. इसलिए उसका कानूनी आधार था. इसके उलट 5 अगस्त, 2019 का फैसला एकतरफा और अवैध है. महबूबा ने कहा, एकतरफ सरकार विलय का जश्न मनाने के लिए 26 अक्टूबर की छुट्टी कर रही है, इसके उलट वह विलय की भावना को कुचल रही है.
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रिजिजू बोले- नेहरू के कारण ही कश्मीर विवादित मुद्दा बन गया
जम्मू-कश्मीर के भारत में विलय की 75वीं वर्षगांठ पर केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने '75th Anniversary of 5 Nehruvian Blunders on Kashmir' लेख लिखा है. इस लेख के बारे में बात करते समय रिजिजू ने कहा, नेहरू की गलतियों के कारण ही कश्मीर बेबात ही विवादित मुद्दा बन गया. साथ ही उन्होंने कहा कि इन गलतियों से उबरना और एक सही राय कायम करना बेहद अहम है. उन्होंने कहा, डॉ. अंबेडकर ने सही कहा था कि जो लोग अपने इतिहास को भूलते हैं, वे इतिहास नहीं बना सकते. इसलिए हमें अपनी गलतियों को महसूस करना होगा. कश्मीर के साथ जो हमारे पहले प्रधानमंत्री नेहरू ने किया, वो त्रासदी का कारण बन गया. इसके कारण राष्ट्रीय संपदा छिन गई. इसने जवानों और नागरिकों की बेहिसाब जानों को छीन लिया.
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महबूबा मुफ्ती के विवादित बोल, कहा- विलय की शर्तों की बहाली नहीं तो कश्मीर में भारत की मौजूदगी अवैध