डीएनए हिंदी: जेईई-मेन्स (JEE-Mains) एग्जाम में कथित हेराफेरी की जांच कर रही सीबीआई के हाथ बड़ी सफलता लगी है. केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने सोमवार शाम को दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Indira Gandhi Airport) से एक रूसी नागरिक को हिरासत में लिया है, जिसके इस एग्जाम का पेपर लीक करने में हाथ होने का संदेह है. सीबीआई का मानना है कि इस रूसी नागरिक ही वो मेन हैकर है, जिसने ऑनलाइन एग्जाम के सर्वर में सेंध लगाकर पेपर चुराया था. सीबीआई अब उससे पूछताछ कर रही है. बता दें कि JEE एग्जाम के जरिए ही देश के सभी IIT व अन्य मशहूर इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन होता है. 

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सीबीआई ने जारी कर रखा था लुकआउट सर्कुलर

PTI रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल हुए JEE-Mains 2021 एग्जाम में पेपर लीक कांड की जांच सीबीआई कर रही है. इस दौरान उन्हें मिखाइल शरगिन (Mikhail Shargin) नाम के इस रूसी नागरिक के इस पेपर लीक में शामिल होने का संदेह पैदा करने वाले सबूत मिले थे. इसके बाद सीबीआई ने मिखाइल के खिलाफ 'लुक आउट सर्कुलर' जारी कर दिया था. इसी सर्कुलर के कारण शरगिन के विदेश से वापस भारत लौटते ही उसे दबोच लिया गया.

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कजाकिस्तान से आ रहा था शरगिन

सीबीआई अधिकारियों के मुताबिक, शरगिन किसी काम से कजाकिस्तान गया था और वहां से वापस भारत लौट रहा था. इसकी जानकारी मिलते ही दिल्ली एयरपोर्ट (Delhi Airport) पर तैनात इमिग्रेशन ब्यूरो (immigration bureau) के अधिकारियों ने सीबीआई टीम को अलर्ट जारी कर दिया. शरगिन ने कजाकिस्तान के अलमाती हवाई अड्डे से भारत के लिए उड़ान भरी. इसके बाद दिल्ली एयरपोर्ट पर उसके लिए जाल बिछा दिया गया.

एयरपोर्ट पर बाहर निकलते समय सीबीआई अधिकारियों ने उसे हिरासत में ले लिया. इसके बाद उससे जेईई एग्जाम में गड़बड़ी को लेकर पूछताछ शुरू कर दी गई. देर रात तक पूछताछ चल रही थी.

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क्या बताया है CBI ने अब तक

मीडिया के सामने इस गिरफ्तारी की पुष्टि सीबीआई ने कर दी है. एक सीबीआई प्रवक्ता ने बताया कि जांच के दौरान कई विदेशी नागरिकों के भी JEE पेपर लीक में शामिल होने के सबूत मिले थे. ये विदेशी नागरिक कई अन्य ऑनलाइन एग्जाम में भी गड़बड़ी करा रहे हैं. इन विदेशियों के संपर्क पेपर लीक कांड के आरोपियों के साथ होने के सबूत भी मिले हैं. प्रवक्ता के मुताबिक, जांच में सामने आया है कि शरगिन ही वह शख्स था, जिसने ऑनलाइन एग्जाम करने के लिए यूज होने वाल आइलियॉन सॉफ्टवेयर से छेड़छाड़ की थी. यह वही सॉफ्टवेयर है, जिस पर JEE-Mains-2021 एग्जाम का आयोजन किया गया था.

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एग्जाम के दौरान भी था एक्टिव

सीबीआई अधिकारियों ने बताया कि एग्जाम के दौरान भी पेपर लीक में शामिल कैंडिडेट्स के कंप्यूटर सिस्टम्स को हैक करने में भी शरगिन के इस घोटाले के अन्य आरोपियों की मदद करने के सबूत मिले हैं. 

पिछले साल सितंबर में दर्ज हुआ था मामला

CBI ने पिछले साल सितंबर में ही इस पेपर लीक कांड से जुड़े तीन लोगों सिद्धार्थ कृष्ण, विश्वंभर मणि त्रिपाठी और गोविंद वार्ष्णेय के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था. इन तीनों की कंपनी 'एफिनिटी एजुकेशन प्राइवेट लिमिटेड' के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया था. बाद में इस मुकदमें में कई अन्य लोगों के भी नाम दर्ज किए गए हैं. सिद्धार्थ, विश्वंभर और गोविंद पर ही अन्य सहयोगियों व दलालों के साथ मिलकर ऑनलाइन एग्जाम में गड़बड़ी की साजिश रचने का आरोप है. यह भी आरोप है कि उन्होंने इस गड़बड़ी के जरिए ये मोटी रकम लेकर छात्रों का एडमिशन एक टॉप IIT में कराते थे. आरोपों के अनुसार, हरियाणा के सोनीपत में एक चयनित परीक्षा केंद्र से कैंडिडेट्स के एग्जाम पेपर को इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी की मदद से हल कराया जा रहा था.

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Latest news In JEE-Mains exam manipulation case CBI detains Russian national from Delhi Airport
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JEE-Mains 2021 पेपर लीक में CBI ने दबोचा रूसी नागरिक, दिल्ली एयरपोर्ट पर पकड़ा
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JEE-Mains 2021 पेपर लीक केस में CBI ने दबोचा रूसी नागरिक, दिल्ली एयरपोर्ट से पकड़ा गया