डीएनए हिंदी: असली शिवसेना का विवाद (Shiv Sena Row) अभी तक खत्म नहीं हुआ है. उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के नेतृत्व वाली शिवसेना से अलग होकर एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) अलग पार्टी बना चुके हैं, जिसे वे असली शिवसेना बता रहे हैं. इसे लेकर दोनों गुटों के बीच सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा लंबित है. अब दोनों गुट पार्टी के चुनाव चिह्न 'तीर-धनुष' को लेकर आमने-सामने आ गए हैं. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भारतीय चुनाव आयोग से यह चुनाव चिह्न अपनी पार्टी को आवंटित करने का आवेदन किया है, जिस पर आयोग ने ठाकरे गुट से जवाब मांगा था. ठाकरे गुट ने शुक्रवार शाम को दाखिल किए जवाब में शिंदे गुट के शिवसेना नहीं होने का दावा करते हुए चिह्न उन्हें देने का विरोध किया है.
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अंधेरी ईस्ट सीट पर उपचुनाव के लिए मांगा चुनाव चिह्न
शिंदे गुट ने मुंबई की अंधेरी ईस्ट विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए 'तीर-धनुष' चुनाव चिह्न का आवंटन मांगा था. इस सीट पर उपचुनाव नवंबर में होना है. शिंदे का दावा है कि शिवसेना के ज्यादातर विधायक और सांसद उनके साथ आ चुके हैं, इसलिए वे ही असली शिवसेना हैं. उन्होंने उद्धव ठाकरे के बड़े भाई जयदेव ठाकरे समेत ठाकरे परिवार के कई अन्य सदस्य भी अपने साथ होने का दावा किया है. चुनाव आयोग ने शुक्रवार को शिंदे गुट के आवेदन पर ठाकरे गुट को नोटिस जारी किया है, जिसमें उन्हें चुनाव चिह्न को लेकर अपना पक्ष रखने के लिए कहा गया है.
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ठाकरे गुट ने क्या दिया है जवाब
PTI के मुताबिक, ठाकरे गुट को जवाब दाखिल करने के लिए चुनाव आयोग ने शनिवार तक का समय दिया था, लेकिन उन्होंने नोटिस का जवाब शुक्रवार शाम को ही दाखिल कर दिया. ठाकरे गुट ने जवाब में शिंदे गुट को चिह्न आवंटित करने पर आपत्ति जताई है. ठाकरे गुट की तरफ से दाखिल जवाब में कहा गया है कि शिंदे और उनके साथ मौजूद विधायकों ने 'अपनी इच्छा' से पार्टी छोड़ी थी. ऐसे में वे शिवसेना होने का दावा नहीं कर सकते हैं. साथ ही उन्हें पार्टी का चिह्न भी नहीं दिया जा सकता है.
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बाल ठाकरे ने दिया था तीर-धनुष चिह्न
'तीर-धनुष' के जिस चुनाव चिह्न को लेकर दोनों गुट आमने-सामने हैं. वह चिह्न शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे (Bal Thackeray) ने पार्टी को दिया था, जिसे हिंदू धर्म की पुरातन सभ्यता से जोड़कर देखा जाता है.
शिंदे ने जून में बना ली थी अलग पार्टी
एकनाथ शिंदे ने इस साल जून में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना से अलग होकर नई शिवसेना का गठन कर लिया था. बहुत सारे शिवसेना विधायकों ने भी उनके साथ नई पार्टी जॉइन की थी, जिससे तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की सरकार गिर गई थी और महाराष्ट्र में शिंदे के नेतृत्व में नई सरकार का गठन किया गया था. इसके बाद से ही दोनों गुटों के बीच असली और नकली शिवसेना को लेकर रैलियों से लेकर कानूनी मंचों तक पर तकरार चल रही है.
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शिंदे गुट ने मांगा शिवसेना का तीर-धनुष निशान, ठाकरे बोले- जिसने खुद पार्टी छोड़ी, उसका कैसा हक