डीएनए हिंदी: भारतीय सेना की ताकत में और इजाफा होने जा रहा है. रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन (DRDO) और भारतीय नौसेना (Indian Navy) ने मंगलवार को छोटी दूरी की सरफेस-टू-एयर मिसाइल (VL-SRSAM) का सफल परीक्षण किया. यह परीक्षण ओडिशा (Odisha) के चांदीपुर (Chandipur) के तटीय इलाके में इंटिग्रेटिड टेस्ट रेंज (ITR) से किया गया.
इस मिसाइल की खासियत यह है कि ये अपनी गति से दुश्मन के राडार को भी चकमा देकर टारगेट को हिट कर सकती है. टेस्ट रेंज में भारतीय नौसेना के युद्धपोत से दागी गई इस मिसाइल ने वर्टिकल लॉन्च कैपेबिल्टी के परीक्षण में बेहद नीचे उड़ रहे हाई-स्पीड मानवरहित एरियल टारगेट को सटीकता के साथ ध्वस्त कर दिया.
पढ़ें- Russia Ukraine War: युद्ध के 6 महीने के बाद ऊर्जा और खाद्य संकट का हाल, कितना सुलझा कितना उलझा?
बेहद नीचे उड़ रहे विमानों और ड्रोन्स को बनाएगी निशाना
इस मिसाइल के सफल परीक्षण से यह तय हो गया है कि बेहद नीची उड़ान भरकर भारतीय राडारों को चकमा देने की कोशिश कर रहे दुश्मन के ड्रोन्स या विमान भी अब ध्वस्त किए जा सकते हैं. इस मिसाइल में स्वदेश में बना रेडियो फ्रीक्वेंसी (RF) सीकर लगा है, जो टारगेट को ध्वस्त करने की इसकी सटीकता को कई गुणा बढ़ा देता है. ॉ
पढ़ें- FIFA WC 2022: कतर को फीफा वर्ल्ड कप आयोजन में पाकिस्तानी सेना करेगी मदद
Defence Research & Development Organisation (DRDO) and Indian Navy today successfully flight tested Vertical Launch Short Range Surface-to-Air Missile (VL-SRSAM) from the Integrated Test Range (ITR), Chandipur off the coast of Odisha pic.twitter.com/NgNBuUaDdz
— ANI (@ANI) August 23, 2022
VL-SRSAM पर एक नजर
- यह 154 किग्रा वजन की 12.6 फीट लंबी व 7 इंच मोटी मिसाइल है, जो किसी भी वॉरशिप से फायर हो सकती है.
- इस मिसाइल की रेंज 40 से 50 किलोमीटर है और यह अधिकतम 15 किमी ऊंचाई तक उड़ान भरती है.
- यह फिलहाल नौसेना के पास मौजूद इजराइल निर्मित बराक-1 मिसाइल से दोगुना गति से उड़ान भरती है.
- इसकी गति परीक्षणों में 5556 किलोमीटर प्रति घंटा तक आंकी गई है, जो फाइटर जेट से भी दोगुनी है
- यह मिसाइल टारगेट सेट होने के बाद 360 डिग्री तक टर्न लेकर दुश्मन को ध्वस्त कर सकती है.
- इसके जरिए करीब 22 किलोग्राम तक विस्फोटक आगे लगाकर फायर किया जा सकता है.
पढ़ें- Money Laundering Case: सत्येंद्र जैन की पत्नी पूनम जैन को बड़ी राहत, कोर्ट से मिली जमानत
पूरी तरह देश में ही डिजाइन की गई है ये मिसाइल
वर्टिकल लॉन्च-शॉर्ट रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल यानी VL-SRSAM पूरी तरह स्वदेशी है. इसके डिजाइन से लेकर सभी उपकरण तक को DRDO ने ही अपनी लैब में तैयार किया है. मंगलवार को परीक्षण के दौरान इसके फ्लाइट पाथ और व्हीकल परफॉर्मेंस पैरामीटर्स की निगरानी की गई. साथ ही विभिन्न रेंज वाले राडार, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम (EOTS) व टेलीमेट्री सिस्टम्स से इस पर नजर रखी गई.
साथ ही DRDO की विभिन्न लैब्स के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों ने भी इस पर परीक्षण के दौरान निगरानी रखी. ये सभी इस मिसाइल के निर्माण में शामिल रहे हैं. इनमें डिफेंस रिसर्च एंड डवलपमेंट लेबोरेट्री (DRDL), रिसर्च सेंटर इमारत (RCI), हैदराबाद और R&D इंजीनियर्स, पुणे के वैज्ञानिक व इंजीनियर शामिल हैं.
चार परीक्षण हो चुके हैं इस मिसाइल के अब
इस मिसाइल का यह चौथा परीक्षण था. इससे पहले 22 फरवरी, 2021 को, फिर 7 दिसंबर, 2021 को और आखिरी बार 24 जून, 2022 को इसका सफल परीक्षण किया गया था.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
VL-SRSAM: राडार को भी चकमा देती है ये मिसाइल, DRDO और भारतीय नेवी ने किया सफल टेस्ट