डीएनए हिंदी: केंद्र सरकार ने शुक्रवार को डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन बिल, 2022 (Digital Personal Data Protection Bill 2022) का ड्राफ्ट जारी कर दिया है. केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स व आईटी मंत्रालय (MeitY) की तरफ से जारी बिल आम आदमी का निजी डाटा चोरी होने से रोकने के लिए कंपनियों की जवाबदेही तय करने के लिए लाया गया है. बिल में किसी कंपनी के सर्वर से आम आदमी का निजी डाटा चोरी होने की स्थिति में उस पर 500 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाए जाने का प्रावधान किया गया है. इससे पहले साल 2019 में जब इस कानून का ड्राफ्ट जारी किया गया था तो उस समय जुर्माने की रकम 15 करोड़ रुपये या कंपनी के टर्न ओवर के 4 फीसदी तक रखी गई थी. इस बिल के लागू होने पर फेसबुक (Facebook) और गूगल (Google) जैसी कंपनियों पर अंकुश लगेगा, जिन पर अपने यूजर्स का डाटा बेचने के आरोप लगते रहे हैं.
डाटा प्रोटेक्शन बोर्ड का होगा गठन
शुक्रवार को जारी बिल के ड्राफ्ट में एक डाटा प्रोटेक्शन बोर्ड ऑफ इंडिया के गठन का प्रस्ताव रखा गया है, जो इसके प्रावधानों को लागू करने और कंपनियों में डाटा के रखरखाव की निगरानी करने का काम करेगा. PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, बिल के ड्राफ्ट में कहा गया है कि यदि कोई व्यक्ति कानून के अनुपालन में लापरवाही का जिम्मेदार पाया जाता है तो उसकी जांच की जाएगी. इसके बाद यदि मामला गंभीर हो तो उससे पूछताछ की जाएगी. उस व्यक्ति का पक्ष जानने के बाद बोर्ड को उस पर जुर्माना लगाने का अधिकार होगा. यह जुर्माना अधिकतम 500 करोड़ रुपये तक का होगा.
इस बात का ध्यान रखा गया है कि 8वीं अनुसूची में जितनी भी भारतीय भाषाएं हैं उन सभी भाषाओं में नोटिस हो... इस विधेयक को पूरी तरह डिजिटल तरीके से लागू किया जाएगा: व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक पर बोलते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव pic.twitter.com/s6JVeM8fBt
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 18, 2022
कंपनियां एक-दूसरे पर नहीं टाल सकेंगी जिम्मेदारी
डाटा लीक होने की स्थिति में कार्रवाई के लिए बिल के ड्राफ्ट में ग्रेडेड पेनाल्टी सिस्टम का प्रस्ताव है. इस सिस्टम के तहत डाटा जुटाने वाली कंपनी और उसका रखरखाव करने वाली कंपनी लीकेज के लिए एक-दूसरे पर जिम्मेदारी नहीं टाल सकेंगी. दोनों ही तरह की कंपनियों की अलग-अलग जिम्मेदारी होगी. ऐसे में डाटा जुटाने वाली कंपनी और डाटा प्रोसेसिंग करने वाली कंपनी, दोनों पर 250-250 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाए जाने का प्रावधान तय किया गया है.
लोगों से मांगे गए हैं बिल के ड्राफ्ट पर सुझाव
केंद्र सरकार ने डाटा संरक्षण से आम आदमी को भी जोड़ने की तैयारी की है. इसके लिए शुक्रवार को जारी बिल के ड्राफ्ट पर सभी से सुझाव मांगे गए हैं. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने हमें सलाह मशविरे के साथ बिल तैयार करने का मार्गदर्शन दिया है. इसी के लिए निजी डाटा प्रोटेक्शन बिल अपलोड किया गया है. इस बिल को आप सभी पढ़ें, इस पर सुझाव दें. जो सुझाव आएंगे, उनके आधार पर बिल को आगे प्रोसेस किया जाएगा.
वैष्णव ने कहा कि बिल को हर भारतीय पढ़ सके, इसलिए 8वीं अनुसूची में दी गईं, सभी भारतीय भाषाओं में नोटिस जारी किया गया है. भाषा भी बेहद सरल रखी गई है. साथ ही इस बिल को पूरी तरह डिजिटल तरीके से लागू किया जा रहा है.
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आपका डाटा चोरी होने पर लगेगा 500 करोड़ रुपये का जुर्माना, जानिए क्या है नए डाटा प्रोटेक्शन बिल में