डीएनए हिंदी: बिहार में जदयू (JDU) के साथ मिलकर सरकार बनाने वाले राजद (RJD) के नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के खिलाफ IRCTC घोटाले (IRCTC Scam) की जांच कर रही CBI ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. CBI ने शनिवार को दिल्ली की एक कोर्ट से इस मामले में तेजस्वी की जमानत रद्द करने की मांग की.
जांच एजेंसी ने तेजस्वी पर CBI अधिकारियों को धमकी देकर जांच को प्रभावित करने की कोशिश का आरोप लगाया है. कोर्ट ने तेजस्वी यादव को नोटिस जारी किया है, जिसमें उन्हें CBI के आरोपों की जवाब देने के लिए कहा गया है.
क्या है IRCTC घोटाला
IRCTC घोटाले के तार तेजस्वी के पिता व बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) से जुड़े हुए हैं. आरोप है कि लालू के केंद्रीय रेलवे मंत्री रहने के दौरान IRCTC के रांची (Ranchi) और पुरी (Puri) स्थित दो होटल साल 2006 में सस्ते दामों में एक निजी कंपनी सुजाता होटल्स (Sujata Hotels) को ऑपरेशनल कांट्रेक्ट पर देने में फर्जीवाड़ा किया गया.
आरोप है कि इस कांट्रेक्ट में मनी लॉन्ड्रिंग को अंजाम दिया गया था. आरोप है कि इन दोनों होटल के बदले एक बेनामी कंपनी डिलाइट मार्केटिंग की तरफ से लालू यादव को पटना में 3 एकड़ बेनामी जमीन मिली. आरोप है कि यह कंपनी सुजाता होटल्स से जुड़ी हुई थी और दोनों होटल के ठेके उन्हें मिलने के बाद यह कंपनी लालू की पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव के नाम ट्रांसफर कर दी गई. इस घोटाले की जांच CBI कर रही है. इस मामले में राबड़ी और तेजस्वी 1-1 लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत पर हैं.
कोर्ट में CBI ने यह कहा
शनिवार को दिल्ली कोर्ट पहुंची CBI ने याचिका में कहा, पिछले महीने तेजस्वी यादव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी, जिसमें उन्होंने इस मामले की जांच कर रहे CBI अधिकारियों को साफतौर पर धमकी दी थी. इस धमकी के जरिए वह मामले की जांच को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं. इसलिए उनकी जमानत रद्द कर दी जानी चाहिए. सीबीआई की याचिका पर स्पेशल कोर्ट की जज गीतांजलि गोयल (Judge Geetanjali Goel) ने तेजस्वी को नोटिस जारी कर दिया.
क्या कहा था तेजस्वी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में
पिछले महीने CBI की तरफ से राजद के कई नेताओं के यहां छापे मारे गए थे. इसके बाद तेजस्वी यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा था कि क्या CBI अधिकारियों की मां और बच्चे नहीं हैं? क्या उनका परिवार नहीं है? क्या वे हमेशा सीबीआई अधिकारी ही रहेंगे? क्या वे रिटायर नहीं होंगे? क्या केवल यही पार्टी (BJP) हमेशा सत्ता में रहेगी? आप क्या मैसेज (छापे मारकर) देना चाहते हैं. आपको ईमानदारी से एक संवैधानिक संगठन के तौर पर ड्यूटी पूरी करनी चाहिए.
तेजस्वी के इस बयान को धमकाने वाला माना जा रहा है. इसकी शिकायत मामले की जांच से जुड़े कई अधिकारियों ने आला अधिकारियों से की थी. इसके बाद ही CBI ने कोर्ट का रुख किया है.
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तेजस्वी यादव की जमानत रद्द कराने कोर्ट पहुंची CBI, जानिए क्या है पूरा मामला