डीएनए हिंदी: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्र सरकार को ऐसी पॉलिसी बनाने का आदेश दिया है, जिससे ट्रांसजेंडर लोगों को भी सभी कंपनियों और संगठनों में अपनी प्रतिभा दिखाने का उचित मौका मिल सके. कोर्ट ने अंतरिम आदेश में केंद्र को 3 महीने के अंदर ट्रांसजेंडर पर्सन्स (प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स) एक्ट, 2019 के प्रावधानों के तहत नीति बनाकर लागू करने के लिए कहा है.
शीर्ष अदालत ने यह आदेश एक ट्रांसजेंडर वुमन (transgender woman) शनावी पोन्नूस्वामी की शिकायत पर दिया, जिसने टाटा ग्रुप (Tata Group) की विमानन कंपनी एयर इंडिया (Air India) में केबिन क्रू पोजिशन के लिए आवेदन पर अपने साथ जेंडर आइडेंटिटी के आधार पर भेदभाव होने का आरोप लगाया है.
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सभी पक्षों से बात करने के बाद बनानी है नीति
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (Justice DY Chandrachud) और जस्टिस हिमा कोहली (Justice Hima Kohli) की बेंच ने केंद्र सरकार से सभी हितधारकों से मशविरा करने के लिए कहा. इसके बाद ऐसा फ्रेमवर्क तैयार करने का आदेश दिया है, जो थर्ड सेक्स को भी रोजगार का विकल्प दिलाने में मदद करे. बेंच ने यह भी कहा कि हर कंपनी या संगठन को कानूनी प्रावधानों का पालन करने की जरूरत है.
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एयरलाइंस ने भी रखा अपना पक्ष
एयर इंडिया के लिए पेश वकील ने पोन्नूस्वामी के इस दावे को खारिज कर दिया कि उसे ट्रांसजेंडर वुमन होने के कारण रिजेक्ट किया गया है. वकील ने कहा, पोन्नूस्वामी अनुसूचित जाति वर्ग के हिसाब से तय न्यूनतम क्वालिफाइंग मार्क्स भी हासिल करने में असफल रही है.
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2017 में दायर किया था मुकदमा
चेन्नई निवासी शनावी पोन्नूस्वामी इंजीनियरिंग ग्रेजुएट हैं. उन्होंने अपने साथ भेदभाव के लिए 2017 में सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा किया था. पोन्नूस्वामी ने एयर इंडिया में केबिन क्रू पोजिशन के लिए जॉब वैकेंसी देखकर अप्लाई किया था. एयरलाइंस की तरफ से आवेदन में थर्ड जेंडर का ऑप्शन नहीं दिए जाने पर उन्होंने महिला के कॉलम में आवेदन किया था.
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पोन्नूस्वामी का आरोप है कि उन्हें ट्रांसजेंडर होने के कारण खारिज कर दिया गया. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में एयरलाइंस के नौकरी देने के मानकों में केवल महिला और पुरुष को मौका देने की प्रक्रिया को खारिज करने की मांग की. याचिका में सुप्रीम कोर्ट के ही साल 2014 के एक फैसले का हवाला दिया गया, जिसमें ट्रांसजेंडर्स के अधिकारों के संरक्षण के लिए बहुत सारे निर्देश दिए गए थे. इन निर्देशों में ट्रांसजेंडर्स के लिए दस्तावेजों में महिला-पुरुष के अलावा थर्ड कैटेगरी जोड़े जाने की बात भी शामिल थी. पोन्नूस्वामी ने इसी आधार पर एयर इंडिया की भर्ती नियमावली में भी थर्ड जेंडर को मौका देने की बात जोड़े जाने की मांग की है.
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पहले लड़का थी शनावी, बाद में बनी ट्रांसजेंडर
शनावी पोन्नूस्वामी जन्म से ट्रांसजेंडर नहीं थी. उसने बड़ा होने के बाद साल 2014 में जेंडर रिअसाइनमेंट सर्जरी (gender reassignment surgery) कराई, जिसके बाद वह ट्रांसजेंडर वुमन बन गई थी.
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Air India में नौकरी नहीं मिलने पर Transgender ने किया मुकदमा, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को दिया ये आदेश