डीएनए हिंदी: ग्लोबल वार्मिंग एक अहम समस्या बनकर सामने आ रही है. इसकी वजह से पर्यावरण में कई तरह के बदलाव भी देखने को मिलने लगे हैं. अब इसकी तरफ पूरी दुनिया का ध्यान आकर्षित करने के लिए लद्दाख के युवाओं ने एक मुहिम शुरू की है. इसे Last Run का नाम दिया गया है. अगले साल फरवरी महीने में इस मुहिम के तहत पैंगोंग झील पर एक मैराथन शुरू होगी. जानते हैं क्या है ये मुहिम और इससे जुड़ी अहम बातें-
20 फरवरी 2023 से शुरू होगी मैराथन
Last Run नाम की ये मैराथन 20 फरवरी से शुरू होगी. इसमें पैंगोंग झील पर युवाओं का एक दल मैराथन करेगा. इस मुहिम को स्टेन (Tsetan) नाम के एक युवा ने शुरू किया है. वह भारतीय आइस हॉकी टीम का हिस्सा भी हैं. इसे लास्ट रन इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि आने वाले समय में ग्लोबल वार्मिंग की वजह से पैंगोंग झील जम ही नहीं पाएगी. Tsetan का कहना है कि अगली पीढ़ी के लिए यह दृश्य दुर्लभ होगा, अगर हमने अभी इस पर ध्यान नहीं दिया.
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पैंगोंग झील के बारे में कितना जानते हैं आप
Tsetan कहते हैं पैंगोंग झील के बारे में हर कोई जानता है, लेकिन कम लोग जानते हैं कि पहाड़ों पर ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं. इसी वजह से कुछ समय बाद पैंगोंग झील भी जमेगी नहीं. पैंगोंग झील 700 वर्ग किमी. में फैली है और 14,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. यह भारत-चीन की सीमा में फैली हुई है.नवंबर से मार्च तक यहां मोटी परत के साथ जम जाती है. भारत के पास इस झील का एक तिहाई हिस्सा है जबकि चीन के पास दो तिहाई हिस्सा है.
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गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की भी कोशिश
Tsetan ने पैंगोंग झील से जुड़ी कुछ तस्वीरें और वीडियो भी सोशल मीडिया पर शेयर किए हैं ताकि सरकार का भी ध्यान आकर्षित किया जा सके. वह कहते हैं कि हम कोशिश कर रहे हैं कि दुनिया की सबसे ऊंची फ्रोजन लेक मैराथन का रिकॉर्ड भी बना सकें. लद्दाख एडमिनिस्ट्रेशन,आर्मी और लद्दाख ऑटोनोमस हिल डेवलपमेंट काउंसिल भी इस मुहिम को सपोर्ट कर रहे हैं.
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Global Warming: पैंगोंग झील पर होगा Last Run, बन सकता है वर्ल्ड रिकॉर्ड, जानें पूरा मामला