डीएनए हिंदी: लद्दाख और चीन सीमा से सटे संवेदनशील इलाकों में भारतीय सेना एक्टिव हो गई है. चीन की हर गतिविधि पर देश की नजर है. साल 2020 में हुई खूनी झड़प के बाद लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) और गलवान के हर इलाके पर भारतीय सेना की नजर है.
भारतीय सेना ने अपने फॉर्मेशन में बदलाव किया है, वहीं सीमावर्ती इलाकों की सर्वेक्षण गतिविधियां बढ़ा दी गई हैं. अब ड्रैगन की हर चाल पर भारत की नजर है. भारतीय जवान विरोधियों के खिलाफ आक्रमक रुख दिखाने के लिए तैयार हैं.
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दुर्गम इलाकों में सेना के घुड़सवारों ने संभाला मोर्चा
न्यूज एजेंसी ANI ने गलवान का एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें घाटी के पास तैनात भारतीय सेना के जवान गश्त करते नजर आ रहे हैं. जवान पानी में घोड़े दौड़ाते नजर आ रहे हैं. चीन की हर खौफनाक चाल पर भारत अपनी नजरें गड़ाए हुए है.
भारतीय सेना के घुड़सवार दुर्गम इलाकों में अपने सैन्य अभियान को युद्धस्तर पर पूरा कर रहे हैं. सेना ने गलवान की चोटियों पर क्रिकेट खेलते जवानों की तस्वीरें भी शेयर की हैं. हाल ही में जवानों ने पूर्वी लद्दाख में जमी हुई पैंगोंग झील पर हाफ मैराथन भी की थी.
कब चीन के साथ संबंध होंगे सामान्य?
26 फरवरी को, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने साफ कह दिया था कि चीन के साथ संबंध तब तक सामान्य नहीं होंगे, जब तक कि गलवान में हुई हिंसक झड़प का स्थाई समाधान नहीं निकल जाता है. कोविड महामारी के दौरान ही भारतीय और चीनी सैनिक आपस में भिड़ गए थे.
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सरकार ने कहा था सितंबर 2022 में, चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने भारतीय सैनिकों और उनके समकक्षों के साथ पूर्वी लद्दाख सेक्टर में पैट्रोलिंग पॉइंट -15 के पास गोगरा हाइट्स-हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र में डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया पूरी की थी.
देखें वीडियो-
#WATCH | Indian Army formations deployed near the Galwan valley have undertaken extreme activities such as surveying the areas near the Line of Actual Control on horses and ponies and half marathon over the frozen Pangong lake in recent months pic.twitter.com/81rwqPdUnH
— ANI (@ANI) March 4, 2023
क्यों भारत ने बढ़ाई है सैन्य हलचल?
मई 2020 में जब चीनी सैनिकों ने पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर यथास्थिति को आक्रामक रूप से बदलने की कोशिश की थी, तब भारतीय जवान भिड़ पड़े थे. दोनों पक्षों ने पेट्रोलिंग प्वाइंट 15 के पास अग्रिम चौकियों अपनी पकड़ हासिल करने की कोशिश की थी. यह भारत और चीन के बीच संघर्ष का मुख्य मुद्दा बन गया था.
चीन और भारतीय सेना फरवरी 2021 में 135 किलोमीटर लंबी पैंगोंग झील से हटने के लिए एक समझौते पर राजी हुए थे कि जब तक कि सभी सीमा मुद्दों का समाधान नहीं हो जाता, तब तक बफर जोन को दोनों पक्ष मानें. हालांकि इस पर अमल न भारत ने की, न चीन ने.
एलएसी पर यथास्थिति को एकतरफा बदलने के किसी भी प्रयास को रोकने के लिए 50,000 से अधिक भारतीय सैनिकों को हथियारों के साथ एलएसी की अग्रिम चौकियों पर 2020 से तैनात किया गया था. तब से ही चीन की हर चाल पर भारत की नजर है.
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गलवान में घोड़े दौड़ा रही भारतीय सेना, चीन की हर चाल पर आर्मी की नजर, VIDEO वायरल