डीएनए हिंदी: इंजीनियरिंग और मेडिकल कोचिंग हब के नाम से पहचाने जाने वाले राजस्थान के कोटा की अब किसी और वजह से पहचान बनती जा रही है . ऐसी पहचान जिसका नाम सुनकर रूह कांप जाए. गूगल सर्च इंजन के शुरूआती पन्नों को पलटकर देखें तो निराश करने वाली खबरें सामने आती हैं. दरअसल, कोटा में छात्रों के आत्महत्या के मामले थम नहीं रहे हैं. रविवार को NEET की तैयारी कर रहे दो छात्रों ने सुसाइड कर लिया.
इस साल अभी तक कोटा में छात्रों की आत्महत्या करने का ये 22वां मामला है. इस शहर में साल दर साल छात्रों के आत्महत्या करने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. कोटा पुलिस के आकंड़ों के अनुसार, साल 2015 में 17 छात्रों ने सुसाइड किया था. इसके बाद 2016 में 16 छात्र, 2017 में 7 छात्र, 2018 में 20 छात्र और 2019 में 8 छात्रों ने अपनी जिंदगी खत्म कर ली थी.
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सरकार ने बनाया फॉर्मूला
हालांकि, 2020 और 2021 कोरोना काल के दौरान आत्महत्या में गिरावट देखी गई और कुल 4 छात्रों की मौत हुई. लेकिन 2022 में यह आकंड़ा फिर बढ़ने लगा और 15 छात्रों ने जान गंवा दी. कोटा में बढ़ते आत्महत्या के मामलों को लेकर राज्य सरकार भी चिंतित है. सरकार ने बच्चों में पढ़ाई के प्रेशर को कम करने के लिए एक फॉर्मूला तैयार किया है. दरअसल, कोटा में छात्रों के बढ़ते आत्महत्या के मामलों पर लगाम लगाने के लिए सप्ताह में एक दिन ‘आधे दिन पढ़ाई, आधे दिन मौज मस्ती’ की जाएगी. आत्महत्या की प्रवृत्ति वाले छात्रों की पहचान करना और मनोवैज्ञानिक परामर्श देना जैसे कदम उठाए जाएंगे. छात्रों की बढ़ती आत्महत्या की घटनाओं पर सोमवार को एक अहम बैठक में ये फैसले लिए गए.
अधिकारियों ने बताया कि प्रमुख सचिव (उच्च एवं तकनीकी शिक्षा) भवानी सिंह देथा की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हुई बैठक में कोचिंग संस्थानों और हॉस्टल एसोसिएशन के प्रतिनिधि भी शामिल हुए. भवानी सिंह देथा इस मुद्दे पर विचार करने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर गठित एक समिति के अध्यक्ष भी हैं. समिति जल्द ही कोटा का दौरा भी करेगी. बैठक में लिए गए अन्य निर्णयों में छात्रों पर पाठ्यक्रमों का बोझ कम करने के प्रयास के लिए कोचिंग संस्थानों को विषय विशेषज्ञों की एक समिति बनाने के लिए कहा गया है.
कोचिंग में मोटिवेशनल सेशन
संस्थानों को विशेषज्ञों द्वारा ऑनलाइन मोटिवेशनल सेशन आयोजित करने और सभी छात्रों के लाभ के लिए इसे सोशल मीडिया पर अपलोड करने के लिए भी कहा गया है. अधिकारियों ने बताया कि बैठक में यह निर्णय लिया गया कि कोचिंग संस्थान प्रत्येक बुधवार को ‘आधे दिन पढ़ाई, आधे दिन मस्ती’ जैसे सत्र रखेंगे. बैठक में कोटा के जिला कलेक्टर ओपी बुनकर, पुलिस अधीक्षक शरद चौधरी, अतिरिक्त कलेक्टर (प्रशासन) राजकुमार सिंह और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भगवत सिंह शामिल हुए.
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इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश की संयुक्त प्रवेश परीक्षा (JEE) और मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश की राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (NEET) जैसी प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं की तैयारी के लिए सालाना 2 लाख से अधिक छात्र कोटा पहुंचते हैं. शहर में रविवार को चार घंटे के अंतराल में दो छात्रों ने आत्महत्या कर ली. अधिकारियों के अनुसार, कोटा जिले में 2023 में अब तक प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे 22 छात्रों ने आत्महत्या की है. यह किसी भी साल के लिए अब तक की सबसे बड़ी संख्या है. पिछले साल यह आंकड़ा 15 था.
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'आधे दिन पढ़ाई, आधे दिन मौज-मस्ती' कोटा में ऐसे थमेगी छात्रों की आत्महत्या?