डीएनए हिंदी: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में करणी सेना (Karni Sena) ने जोरदार प्रदर्शन किया. राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के हजारों समर्थक भोपाल के जंबूरी मैदान में इकट्ठा हुए. इन लोगों की मांग है कि एससी-एसटी एट्रोसिटीज ऐक्ट (SC ST Act) में संशोधन किया जाए. साथ ही, करणी सेना के लोगों ने मांग रखी है कि आरक्षण का आधार आर्थिक रखा जाए ताकि बाकी समुदायों के गरीब लोगों को भी इसका लाभ मिल सके. करणी सेना ने कुल 21 मांगों को लेकर भोपाल में अपना प्रदर्शन शुरू किया है. सोशल मीडिया पर भी इससे जुड़े कई हैशटैग लगातार ट्रेंड में हैं.
खुद को राजपूतों की संगठन बताने वाली करणी सेना ने भोपाल में अनिश्चितकालीन प्रदर्शन शुरू किया है. करणी सेना की भोपाल इकाई के अध्यक्ष कृष्ण बुंदेला ने कहा, "करणी सेना के साथ-साथ अन्य राजपूत संगठनों ने मिलकर यह विरोध प्रदर्शन आयोजित किया है." उन्होंने यह भी कहा कि करणी सेना के मध्य प्रदेश अध्यक्ष जीवन सिंह शेरपुर समेत कुल पांच लोगों ने इन 21 मांगों के लिए शांतिपूर्ण अनशन शुरू किया है.
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SC/ST एक्ट के खिलाफ मध्य प्रदेश में करणी सेना ने किया प्रदर्शन, #KarniSena #SCStAct #ViralVideo pic.twitter.com/4IKt9eBgU4
— DNA Hindi (@DnaHindi) January 8, 2023
क्या है करणी सेना की मांग?
कृष्ण बुंदेला ने आगे कहा, "हमारी मांग है कि आरक्षण आर्थिक आधार पर हो, जिससे गरीबों को भी इसका फायदा मिले. किसी एक परिवार को एक ही बार आरक्षण का फायदा मिले. एससी-एसटी एट्रोसिटीज ऐक्ट में बिना जांच के होने वाली गिरफ्तारी बंद की जाए. साथ ही, सामान्य जातियों के लोगों के हितों की रक्षा के लिए एक कानून लाया जाए." साथ ही, यह मांग भी रखी गई है कि अनाज और जरूरी चीजों पर लगाए गए जीएसटी को हटाया जाए ताकि महंगाई कम हो.
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इस आंदोलन में मध्य प्रदेश के अलावा कई राज्यों के कार्यकर्ता पहुंचे हैं. इन कार्यकर्ताओं की मांग है कि एससी एसटी एट्रोसिटी एक्ट में संशोधन किया जाए और स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर किसानों को फसल के दाम दिए जाएं. मध्यप्रदेश के अलावा हरियाणा, राजस्थान, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ से पहुंचे कार्यकर्ता जंबूरी मैदान में जमा हुए और उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों पर विचार नहीं किया गया तो भी अनशन पर बैठ जाएंगे. आंदोलनकारी करणी सेना के नेताओं से प्रशासनिक अधिकारी बातचीत करने की कोशिश कर रहे हैं और कहा जा रहा है कि करणी सेना का एक प्रतिनिधिमंडल सरकार से भी बात कर सकता है.
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SC ST Act के खिलाफ सड़कों पर उतरी करणी सेना, आर्थिक आधार पर आरक्षण देने की मांग