डीएनए हिंदी: कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka High Court) ने मंगलवार को केंद्र सरकार सोशल मीडिया को लेकर एक अहम सुझाव दिया है. कोर्ट ने कहा है कि केंद्र सरकार सोशल मीडिया का उपयोग करने के लिए न्यूनतम आयु निर्धारित करने पर विचार करे ताकि बच्चों को इसका उपयोग करने से रोका जा सके. कर्नाटक हाईकोर्ट 2021 और 2022 में कुछ ट्वीट्स और खातों को ब्लॉक करने के भारत सरकार के आदेशों से संबंधित मामले में एक्स कॉर्प (पूर्व में ट्विटर) की अपील पर सुनवाई कर रहा था. आइए आपको बताते हैं कि कर्नाटक हाईकोर्ट ने क्या कुछ कहा है... 

जस्टिस जी नरेंद्र और जस्टिस विजयकुमार ए पाटिल की खंडपीठ एक्स कॉर्प (पूर्व में ट्विटर) द्वारा केंद्र के अवरुद्ध आदेशों को दी गई चुनौती को खारिज करने के एकल पीठ के फैसले के खिलाफ दायर अपील पर सुनवाई कर रही थी. सुनवाई के दौरान जस्टिस नरेंद्र ने मौखिक रूप से कहा कि सरकार को सोशल मीडिया के इस्तेमाल के लिए एक आयु सीमा लाने पर विचार करना चाहिए. जब कोई यूजर रजिस्ट्रेशन करेगा तो उसे कुछ सामग्री देनी होगी, ठीक उसी तरह जैसे ऑनलाइन गेमिंग में होता है, जहां उपयुक्त व्यक्ति शामिल नहीं हो सकता है. आप इसे यहां भी क्यों नहीं बढ़ाते? यह एक वरदान होगा. 

ये भी पढ़ें: एक ही दिन में ढीले पड़े कनाडा के पीएम के तेवर, ऐसे बात करने लगे जस्टिन ट्रूडो

स्कूल जाने वाले बच्चे हुए सोशल मीडिया के आदी 

कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा है कि बच्चों के लिए सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाना सबसे अच्छा होगा. आज, स्कूल जाने वाले बच्चे इसके आदी हो गए हैं. सरकार को कम से कम, उपयोगकर्ता की आयु सीमा लानी चाहिए. हाईकोर्ट ने सवाल किया कि क्या 17 या 18 वर्ष के बच्चों में निर्णय करने की इतनी परिपक्वता है कि वे इस बात में अंतर कर सके कि क्या राष्ट्र के हित में है और क्या राष्ट्र के हित में नहीं है. उपयोगकर्ता की आयु कम से कम 21 वर्ष होनी चाहिए. हाईकोर्ट ने कहा कि केवल सोशल मीडिया पर ही नहीं बल्कि इंटरनेट पर भी ऐसी चीजें हटा देनी चाहिए, जो दिमाग को भ्रष्ट करती हैं.

ये भी पढ़ें: बेटे की बाइक में मां ने गुंडों से लगवा दी आग, पैसा ना मिलने पर आरोपियों ने महिला पर कर दिया हमला

केंद्र सरकार के वकील ने कही यह बात 

सुनवाई को दौरान केंद्र सरकार की ओर से पेश वकील ने अदालत को बताया कि कानून में अब कुछ ऑनलाइन गेम तक पहुंचने से पहले उपयोगकर्ता के पास आधार और अन्य दस्तावेज होना आवश्यक है. सुनवाई में अदालत ने यह चिंता भी जताई कि नियमों में बदलाव करना पड़ सकता है ताकि एक्स कॉर्प जैसे मध्यस्थों को गोपनीयता बनाए रखते हुए पोस्ट या खातों को हटाने का आदेश दिए जाने पर खाताधारकों द्वारा मुकदमा चलाने की धमकी न दी जाए. बता दें कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म द्वारा एकल न्यायाधीश पीठ के आदेश को चुनौती देने वाली अपील पर सुनवाई करते हुए ये टिप्पणियां की गईं, जिसने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69 ए के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) द्वारा जारी किए गए अवरुद्ध आदेशों पर सवाल उठाने वाली उसकी याचिका खारिज कर दी थी. कोर्ट ने कंपनी पर 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था. अपील स्वीकार करते समय अदालत ने कंपनी को अपनी प्रामाणिकता दिखाने के लिए जुर्माने की 50% राशि जमा करने को कहा था. 

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Url Title
karnataka high court govt consider age limit for social media
Short Title
सोशल मीडिया की बच्चों को लग रही है लत, सरकार तय करे उम्र, हाईकोर्ट ने कही यह बात
Article Type
Language
Hindi
Section Hindi
Created by
Updated by
Published by
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
 सांकेतिक तस्वीर
Caption
 सांकेतिक तस्वीर 
Date updated
Date published
Home Title

सोशल मीडिया की बच्चों को लग रही है लत, सरकार तय करे उम्र, कर्नाटक हाई कोर्ट ने कही यह बात

Word Count
580