डीएनए हिंदी: कर्नाटक की बसवराज बोम्मई सरकार ने कन्नड़ भाषा (Kannada Language) के लिए एक बड़ा फैसला लिया है. राज्य सरकार ने कहा है कि अब से सभी सरकारी कार्यक्रमों में कन्नड़ भाषा का इस्तेमाल करना अनिवार्य होगा. इस संबंध में राज्य सरकार (Karnataka Government) की ओर से एक सर्कुलर जारी कर दिया गया है. इस सर्कुलर के मुताबिक, राज्य या केंद्र सरकार के किसी भी आधिकारिक कार्यक्रम में कन्नड़ भाषा का इस्तेमाल करना ज़रूरी होगा.

सर्कुलर में कहा गया है कि कर्नाटक आधिकारिक भाषा कानून, 1963 के मुताबिक, राज्य का आधिकारिक भाषा कन्नड़ है और प्रशासनिक कामों में इसी का इस्तेमाल किया जाना चाहिए. इसी कानून के मुताबिक, कन्नड़ विकास प्राधिकरण (KDA) का गठन किया गया था ताकि कन्नड़भाषियों के हितों की रक्षा की जा सके.

यह भी पढ़ें- शिवराज की मुश्किलें बढ़ा रहे ज्योतिरादित्य, क्या रिटायरमेंट प्लान कर रही है बीजेपी?

बैनरों और पोस्टरों पर भी ज़रूरी होगी कन्नड़ भाषा
केडीए ने अपने लेटर में कहा है कि राज्य और केंद्र सरकार के सभी कार्यक्रमों में कन्नड़ भाषा का इस्तेमाल ज़रूरी है. इसके अलावा बैनरों और पोस्टरों पर भी कन्नड़ भाषा में ही लिखा जाएगा. आदेश लागू कराने के लिए सभी विभागों को निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं.

यह भी पढ़ें- IT Act की धारा 66A हो चुकी है खारिज, फिर भी दर्ज हो रहे केस, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार

इससे पहले कर्नाटक सरकार ने इसी साल जनवरी महीने में अंडर ग्रेजुएट स्टूडेंट्स के लिए कन्नड़ भाषा में पढ़ाई अनिवार्य कर दी थी. हालांकि, इस मामले में विवाद होने और कोर्ट तक मामला पहुंचने के बाद राज्य सरकार ने अपने इस फैसले को वापस भी ले लिया था.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Url Title
Karnataka government orders mandatory use of the Kannada language in all government programs
Short Title
Karnataka सरकार का आदेश- सरकारी कार्यक्रमों में सिर्फ़ कन्नड़ भाषा में करनी होगी
Article Type
Language
Hindi
Created by
Updated by
Published by
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
basavaraj bommai
Caption

कर्नाटक सरकार ने अनिवार्य किया कन्नड़ भाषा का इस्तेमाल

Date updated
Date published
Home Title

Karnataka सरकार का आदेश- सरकारी कार्यक्रमों में सिर्फ़ कन्नड़ भाषा में करनी होगी बात