डीएनए हिंदी: राजस्थान की करणपुर विधानसभा सीट के नतीजों ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की फजीहत करा दी है. 30 दिसंबर को ही बीजेपी ने इस सीट से उम्मीदवार सुरेंद्र पाल सिंह को उम्मीदवार बनाया था. अब वह कांग्रेस प्रत्याशी रूपिंदर सिंह कुन्रर से हार गए हैं. ऐसे में उन्हें मंत्री पद छोड़ना पड़ सकता है. सुरेंद्र पाल सिंह को उम्मीदवार बनाए जाने के खिलाफ कांग्रेस ने चुनाव आयोग में शिकायत भी दर्ज कराई थी. इस रोमांचक मुकाबले से पहले बीजेपी को उम्मीद थी कि सुरेंद्र पाल सिंह चुनाव जीत जाएंगे और वह मंत्री पद पर बने रह सकेंगे.
सोमवार सुबह वोटों की गिनती शुरू होने के साथ ही सुरेंद्र पाल सिंह पिछड़ने लगे थे और आखिरी राउंड तक वह पीछे ही रहे. आखिर में कांग्रेस के रूपिंदर सिंह कुन्नर ने सुरेंद्र पाल सिंह को 12,600 वोटों के अंतर से चुनाव हरा दिया. इस प्रकार राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस के विधायकों की संख्या अब 70 हो गई है जबकि बीजेपी के पास कुल 115 विधायक हैं. बाकी की अन्य 14 सीटों पर निर्दलीय और अन्य पार्टियों के उम्मीदवार जीते थे.
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बिना चुनाव जीते ही मंत्री बन गए थे सुरेंद्र पाल सिंह
राजस्थान में 30 दिसंबर को हुए कैबिनेट विस्तार में कुल 22 मंत्रियों ने शपथ ली थी. इसमें सुरेंद्र पाल सिंह इकलौते ऐसे मंत्री बने थे जो कि विधायक भी नहीं थे. इस श्री करणपुर विधानसभा सीट पर इसी महीने की 5 जनवरी को वोट डाले गए थे. दरअसल नवंबर-दिसंबर में हुए चुनावों के दौरान राजस्थान की 200 में से 199 सीटों पर ही वोट डाले गए थे क्योंकि तब कांग्रेस उम्मीदवार गुरमती सिंह कुन्नर का निधन हो गया था.
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सुरेंद्र पाल सिंह को इस तरह से मंत्री बनाए जाने और फिर कांग्रेस की ओर से इसका विरोध किए जाने के बाद यह सीट काफी चर्चा में आ गई थी. यही वजह रही कि राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद डोटासरा ने तंज भी कसा कि सरकार मंत्री तो बना सकती है लेकिन विधायक नहीं.
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9 दिन पहले बने थे मंत्री, विधानसभा चुनाव ही हार गए सुरेंद्र पाल सिंह टीटी