डीएनए हिंदी: कोरोना महामारी फैलने के बाद पहली बार कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra) का आयोजन किया जा रहा है. कोरोना संक्रमण की वजह से साल 2020 और 2021 में कांवड यात्रा का आयोजन नहीं किया जा सका था. इस बार कांवड़ यात्रा को लेकर उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश सरकार ने खास प्रबंध किए हैं.कांवड़ यात्रा शुरू होने से पहले उत्तराखंड की सरकार ने कांवड़ियों को कई दिशानिर्देश भी जारी किए हैं. अब देहरादून जिले के SSP जनमेजय खंडूरी ने कांवड़ियों के लिए खास निर्देश जारी किए हैं. उन्होंने कहा कि कल से शुरू हो रही कांवड़ यात्रा में तलवारें, त्रिशूल और लाठियां प्रतिबंधित हैं. सभी थानाध्यक्ष व चौकी प्रभारियों को जिले की सीमा पर ही इन्हें जब्त करने के निर्देश दिए गए हैं.
Uttarakhand | Swords, tridents, and sticks have been banned in the Kanwar Yatra starting from tomorrow. Instructions were given to all the PS and outpost in-charges to seize them on the borders of the district itself: SSP Janmejay Khanduri, Dehradun district
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) July 13, 2022
व्यापारियों को ज्यादा दाम न वसूलने के निर्देश
कल से शुरू हो रही कांवड़ यात्रा के दौरान होटल, रेस्टोरेंट, धर्मशाला और टैंपों वालों को कांवड़ियों से सौहार्दपूर्ण व्यवहार करने तथा उनसे ज्यादा दाम न वसूलने के निर्देश दिए गए हैं. यात्रा व्यवस्था को लेकर स्थानीय व्यापारियों के साथ एक बैठक करने के बाद ऋषिकेश के उप जिलाधिकारी शैलेन्द्र सिंह नेगी ने कहा कि दो साल के अंतराल के बाद 14 जुलाई को शुरू हो रही इस यात्रा में चार करोड़ से अधिक कांवड़ियों के आने की संभावना है, जिसके लिए सभी इंतजाम कर लिए गए हैं.
पढ़ें- Kanwar Yatra 2022 : कांवड़ियों के लिए जारी हुई गाइडलाइन, पालन नहीं करने पर...
उन्होंने बताया कि बैठक में होटल, रेस्टोरेंट, धर्मशाला व टैम्पो वालों से स्पष्ट रूप से कहा गया है कि कांवड़ियों के साथ सौहार्दपूर्ण तरीके से पेश आया जाए और उनसे ज्यादा दाम न वसूले जाएं. अक्सर कांवड़ियों से व्यापारियों की कहासुनी खाने के सामान की गुणवत्ता या ज्यादा कीमत वसूलने को लेकर होती है. अधिकारी ने बताया कि इस बार कांवड़ मार्ग के व्यापारियों को अपनी दुकान पर मूल्य सूची लगाने को कहा गया है. मूल्य सूची नहीं लगाए जाने पर प्रशासन सख्ती बरतेगा.
पढ़ें- Kanwar Yatra 2022: क्यों 'गंगा जल' ही भरते हैं कांवड़ यात्री, इसके पीछे भी है एक पौराणिक कथा
शैलेन्द्र सिंह नेगी ने कहा कि इस बार शहर के अंदर केवल पैदल कांवड़ियों को प्रवेश की अनुमति रहेगी जबकि वाहन से आने वाले कांवड़िए ऋषिकेश बाई पास से नटराज चौक से ढालवाला होते हुए मुनि की रेती की तरफ जाएंगे. इस बार कांवड़ यात्रा में उत्तराखंड सरकार द्वारा कांवड़ियों पर फूल बरसाए जाने का भी प्रस्ताव है. हर साल सावन के महीने में विभिन्न राज्यों खासतौर से उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश से शिवभक्त गंगा जल लेने के लिए उत्तराखंड के हरिद्वार और ऋषिकेश पहुंचते हैं. इस गंगाजल से वे अपने गांवों और घरों के शिवालयों में भगवान शिव का अभिषेक करते हैं.
इनपुट- ANI / भाषा
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों पर अलग नज़रिया, फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
Kanwar Yatra: कांवड़िए भूल से भी अपने साथ न ले जाएं ये सामान, पुलिस करेगी कार्रवाई