डीएनए हिंदी: कानपुर हिंसा (Kanpur Violence) मामले में अब पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) लिंक सामने आया है. हिंसा के मास्टरमाइंड आरोपी जफर हयात हाशमी (Zafar Hayat Hashmi)को एसटीएफ ने लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया है.
अब तक इस मामले में तीन केस दर्ज हो चुके हैं. इन सभी केसों में 500 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी (FIR) दर्ज की गई है. हिंसा में पुलिस पीएफआई का लिंक भी खंगाल रही है.
उत्तर प्रदेश पुलिस ने कानपुर में हिंसा और पथराव की घटना के एक दिन बाद शनिवार को 500 लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए हैं. हिंसा की घटनाओं में 40 लोग घायल हो गए थे. हिंसा से प्रभावित इलाकों में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है और शांति का माहौल है.
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कितने लोगों को पुलिस ने किया है गिरफ्तार?
अपर पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया कि घटनाओं के संबंध में 18 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और कुछ लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है. उन्होंने कह कि स्थिति शांतिपूर्ण है और हम चौबीसों घंटे निगरानी कर रहे हैं.
500 के खिलाफ केस दर्ज, 12 संदिग्ध पुलिस हिरासत में
सूत्रों के मुताबिक, पुलिस के दलों ने पिछली रात कम से कम 12 संदिग्धों को हिरासत में लिया. तिवारी ने बताया कि बेकनगंज पुलिस थाने में 500 से अधिक लोगों के खिलाफ दंगा और हिंसा को लेकर तीन प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं.
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क्या कहती है पहली FIR?
पहली प्राथमिकी थाना प्रभारी (बेकनगंज) नवाब अहमद ने लगभग 500 लोगों के खिलाफ दर्ज की है और उनपर घातक हथियारों से दंगा करने का आरोप लगाया है. प्राथमिकी में मौलाना मोहम्मद अली (एमएमए) जौहर फैन्स एसोसिएशन के प्रमुख हयात जफर हाशमी, उनके सहयोगियों यूसुफ मंसूरी और आमिर जावेद अंसारी सहित 36 लोगों के नाम जुमे की नमाज के तुरंत बाद हुई हिंसा के संबंध में हैं.
क्या कहती है दूसरी FIR?
SHO ने कहा कि हयात और उनके समर्थकों ने पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के विरोध में शुक्रवार को दुकानें बंद रखने का आह्वान किया था. प्राथमिकी में कहा गया है कि दंगाइयों ने घातक हथियारों का इस्तेमाल किया, पेट्रोल बम फेंके और सड़कों पर हंगामा किया, जिससे इलाके में दहशत फैल गई. पुलिस उप-निरीक्षक (एसआई) आसिफ रजा द्वारा दर्ज की गई दूसरी प्राथमिकी में दंगे को लेकर 350 अज्ञात लोगों के अलावा 20 लोगों को नामजद करके प्राथमिकी दर्ज की गई है.
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एसआई ने अपनी प्राथमिकी में आरोप लगाया कि एमएमए जौहर फैन्स एसोसिएशन के प्रमुख हयात जफर हाशमी, यूसुफ मंसूरी, अमीर जावेद अंसारी और अन्य के साथ दादा मियां चौराहे पर जमा हुए और दुकानदारों को पनी दुकानें बंद करने के लिए मजबूर करते हुए यतीम-खाना इलाके की ओर गये जिससे अराजकता फैल गई.
क्या कहती है तीसरी FIR?
तीसरी प्राथमिकी चंदेश्वर हाटा निवासी मुकेश ने दर्ज करवाई है, जिसने आरोप लगाया है कि सैकड़ों मुसलमानों ने लाठी, लोहे की सरिया और घातक हथियारों से दूसरे समुदाय के लोगों पर हमला किया, उनकी हत्या के इरादे से पेट्रोल बम और पत्थर फेंके. प्राथमिकी में आरोपी के रूप में 'हजारों अज्ञात व्यक्तियों की भीड़' का जिक्र है.
किस-किस के खिलाफ लगे हैं आरोप?
समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक प्राथमिकी में एमएमए जौहर फैन्स एसोसिएशन के प्रमुख हयात जफर हाशमी, यूसुफ मंसूरी, अमीर जावेद अंसारी, एहतिशाम उर्फ कबाड़ी, जीशान, आकिब, निजाम कुरैशी, आदिल, इमरान उर्फ कालिया, शहरयान, मुदस्सर, मोहम्मद आजाद, जीशान, अब्दुल शकील, इरफान उर्फ चड्डी, शेरा, सैफी, अरफित, इस्राइल, अकी उर्फ खिचड़ी, अदनान, परवेज उर्फ चिकना, शादाब, इशरत अली, मोहम्मद राशिद, अली शान, नासिर, आशिक अली, मोहम्मद आकिब, मोहम्मद सैद, अनस, शाहिद, बिलाल, हाजी मोहम्मद नासिर, हबीब और रहमान तथा अन्य अज्ञात व्यक्ति के नाम शामिल हैं.
क्यों भड़का था सांप्रदायिक दंगा?
पुलिस के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी (BJP) की प्रवक्ता नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) ने एक टीवी पर बहस के दौरान पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. उनके बयान के विरोध में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद जब एक समुदाय के लोगों ने जबरन दुकानें बंद कराने का प्रयास किया तो परेड, नई सड़क और यतीमखाना इलाकों में झड़पें हुईं. पुलिस ने शनिवार को कहा कि इन झड़पों में पुलिस कर्मियों सहित कम से कम 40 लोग घायल हो गए.
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कानपुर हिंसा: मास्टरमाइंड हाशमी समेत 24 गिरफ्तार, PFI के लिंक की हो रही जांच