उत्तर प्रदेश के कानपुर (Kanpur) से डिजिटल अरेस्ट का एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां मदरसे में एक फर्जी कॉल सेंटर चल रहा था. लोगों को डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) का शिकार बना ये ठग लाखों रुपये का चूना लगाते थे. दिखावे के लिए ये मदरसे में कुछ यतीम बच्चों को शिक्षा देने का भी काम करते थे. पुलिस ने इस मामले में मुख्य आरोपी जावेद और उसके दो साथियों को अरेस्ट किया है. हालांकि, पुलिस की धर-पकड़ देर शाम के वक्त हुई थी और अंधेरे का फायदा उठाकर गैंग के दो लोग भागने में कामयाब हो गए.
मदरसे में ही खोल लिया था फर्जी कॉल सेंटर
कानपुर पुलिस ने इस केस के बारे में बताया कि डिजिटल ठगी की कुछ शिकायत मिली थी. इसके बाद पुलिस ने सर्विलांस शुरू किया और कुछ सुराग मिले थे. इस घटना में मुख्य आरोपी जावेद को अरेस्ट कर लिया गया है. आरोपी ने यतीम बच्चों को पढ़ाने के नाम पर मदरसा खोल रखा था, लेकिन यहां कॉल सेंटर का सेटअप बना रखा था. पुलिस अब पता कर रही है कि गैंग ने अब तक कितने लोगों को ठगी का शिकार बनाया है और इस गैंग के लोग सिर्फ शहर तक सीमित हैं या दूसरे शहरों में भी गैंग एक्टिव है.
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अय्याशी में उड़ाते थे ठगी से मिला सारा पैसा
कानपुर पुलिस ने कहा कि आरोपियों ने पूछताछ में स्वीकार किया है कि सारा पैसा गैंग के मेंबर अपनी मौज-मस्ती और अय्याशी पर उड़ाया है. पुलिस ने आरोपी जावेद से पूछताछ की तो पता चला कि वह मदरसा कसीमुल उलूम फाउंडेशन का संचालन करता था. इस फाउंडेशन के नाम पर डिजिटल ठगी का गोरखधंधा चल रहा था. अब तक मिली जानकारी के मुताबिक, गैंग ने 32.50 लाख रुपये तक की ठगी की है.
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मदरसे में चल रहा था फर्जी कॉल सेंटर, ठगी की कमाई से अय्याशी करने का हुआ पर्दाफाश