डीएनए हिंदी: उत्तराखंड के जोशीमठ (Joshimath Sinking) के हालात दिन-ब-दिन बदतर होते जा रहे हैं. एक तरफ जहां लोग तबाही के बीच दिन गुजारने को मजबूर हैं तो दूसरी ओर सरकार तेजी के साथ लोगों को विस्थापित कर रही है. अब तक लगभग 600 घरो में पड़ी दरारों के बाद उन्हें खाली करा लिया गया है. इस बीच जोशीमठ में भू-धंसाव के चलते जोशीमठ-औली को जोड़ने वाली रोप वे के प्लैटफ़ॉर्म में दरार आ गई है.
वहीं इसको लेकर रोपवे मैनेजर दिनेश भट्ट ने कहा, "मैंने रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज दी है. जोशीमठ की स्थिति के कारण रोपवे को 5 जनवरी से बंद कर दिया गया है." वैज्ञानिकों ने किया दौरा आज जोशीमठ भू-धंसाव प्रभावित क्षेत्र का पर्यावरण एवं जलवायु वैज्ञानिकों की टीम ने निरीक्षण किया.
Joshimath, Uttarakhand | Environment & climate scientist team inspects Joshimath land subsidence affected area
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 14, 2023
We'll make environmental & ecological assessments & also assess water quality here. We've 4-5 teams working on it in different areas: Dr JC Kuniyal, Scientist pic.twitter.com/2ta1NesCw7
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जोशीमठ गई टीम के वैज्ञानिक डॉ. जेसी कुनियाल ने कहा कि हम पर्यावरण और पारिस्थितिक आकलन करेंगे और यहां पानी की गुणवत्ता का भी आकलन करेंगे. हमारी 4-5 टीमें अलग-अलग क्षेत्रों में इस पर काम कर रही हैं, जिन घरों में दरारें आई हैं, उनकी स्थिति अच्छी नहीं है.
Condition of houses where cracks have appeared isn't good. Govt has already rehabilitated those people. We're seeing if there's a possibility of more land subsidence or if the land can be restored to its original state. It's a matter of challenge for us: Dr JC Kuniyal, Scientist pic.twitter.com/j4LuANBW0j
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 14, 2023
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वैज्ञानिक डॉ. जेसी कुनियाल ने कहा, "सरकार ने पहले ही उन लोगों का पुनर्वास कर दिया है. हम देख रहे हैं कि क्या भूमि के और धंसने की संभावना है या क्या भूमि को उसकी मूल स्थिति में बहाल किया जा सकता है. यह हमारे लिए चुनौती की बात है. जोशीमठ के 9 वार्डों में 4000 भवनों का आकलन कराया जा रहा है."
बता दें कि जोशीमठ में अभी भी कई जगह निर्माण कार्य अभी भी जारी है जो कि त्रासदी को एक खुला न्यौता है.
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जोशीमठ बचेगा या नहीं? जांच कर रहे वैज्ञानिकों ने क्या कहा, समझिए