डीएनए हिंदी: जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी यानी JNU एक बार फिर विवादों में है. गुजरात दंगों पर बनाई गई BBC की डॉक्यूमेंट्री (BBC Documentary) देखने और दिखाने को लेकर मंगलवार शाम से लेकर रात तक JNU में जमकर हंगामा हुआ. बैन के बावजूद लेफ्ट विंग से जुड़े छात्रों ने डॉक्यूमेंट्री देखने की कोशिश की तो जेएनयू प्रशासन (JNU Administration) ने बिजली ही कटवा दी. इसके बाद विश्वविद्यालय परिसर में इंटरनेट बंद कर दिए जाने की शिकायत भी सामने आई. लेफ्ट छात्र संगठनों से जुड़े छात्रों (Left Wing Students) ने आरोप लगाए कि ABVP के कार्यकर्ताओं ने उन पर पत्थर भी फेंके. पत्थरबाजी की शिकायत लेकर छात्र-छात्राओं ने वसंत कुंज थाने तक पैदल मार्च भी निकाला.
आधी रात को वसंत कुंज थाने के बाहर पहुंचे छात्र-छात्राओं ने एबीवीपी कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए प्रदर्शन किया. JNU छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष ने कहा कि उन्होंने शिकायत दर्ज करवाई है और पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करने का आश्वासन भी दिया है. आइशी घोष ने कहा कि उन्होंने पत्थरबाजी करने वालों के नाम भी दिए हैं. इस मामले में JNU के प्रॉक्टर ऑफिस में भी शिकायत की जाएगी.
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Delhi | JNU students march towards Vasant Kunj Police station amid claims of stone pelting during the screening of a banned BBC documentary on PM Modi. pic.twitter.com/LSUng5CO99
— ANI (@ANI) January 24, 2023
ABVP ने मांगे पत्थरबाजी के सबूत
पत्थरबाजी के आरोपों पर ABVP के गौरव कुमार ने सवाल उठाए कि क्या इन लोगों के पास कोई भी सबूत है कि हमने पत्थर मारे? गौरव ने कहा कि उन लोगों ने कोई पत्थरबाजी नहीं की है. रिपोर्ट के मुताबिक, बैन के बावजूद लेफ्ट विंग के छात्र संगठनों ने डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की. आइशी घोष ने कहा कि स्क्रीनिंग लगभग पूरी ही हो गई थी लेकिन ABVP के लोगों ने पत्थरबाजी कर दी. वहीं, लाइट काटे जाने के विरोध में छात्र-छात्राओं ने कैंडल मार्च भी निकाला गया. खबरों के मुताबिक, JNU में लगभग 4 घंटे तक अंधेरा छाया रहा.
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क्या है BBC डॉक्यूमेंट्री का विवाद?
बीबीसी ने गुजरात दंगों को लेकर एक डॉक्यूमेंट्री बनाई है. इसका नाम है- India: The Modi Question. डॉक्यूमेंट्री गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका पर सवाल उठाए गए हैं. आपको बता दें कि कुछ दिनों पहले ही सुप्रीम कोर्ट की SIT की रिपोर्ट के आधार पर नरेंद्र मोदी को इस मामले में क्लीन चिट दी गई है. वहीं, बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री यह दिखाती है कि 2002 में गुजरात में जो कुछ हुआ उसकी जिम्मेदारी तत्कालीन सीएम यानी नरेंद्र मोदी की थी.
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भारत सरकार ने इस डॉक्यूमेंट्री को झूठा नैरेटिव और प्रोपेगेंडा का हिस्सा बताया. 21 जनवरी को केंद्र सरकार ने इसे ब्लॉक करने के आदेश दे दिए. इसी के बाद विपक्ष ने मोदी सरकार को घेरना शुरू कर दिया. बैन के बाद JNU छात्र संघ ने ऐलान कर दिया कि 24 जनवरी की रात 9 बजे इस डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की जाएगी. JNU प्रशासन ने स्क्रीनिंग की अनुमति नहीं दी थी और यह भी कहा था कि जो छात्र जबरन स्क्रीनिंग करेंगे उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी.
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JNU में हंगामे के बावजूद देखी गई BBC की डॉक्यूमेंट्री, जानिए रात भर क्या-क्या हुआ