डीएनए हिंदी: दिल्ली में अपना घर लेना काफी चुनौती वाला काम है. इसी चक्कर में जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) और आईआईटी दिल्ली के कई प्रोफेसर धोखाधड़ी का शिकार हो गए हैं. इन प्रोफेसरों का आरोप है कि जेएनएयू के एक पूर्व कर्मचारी ने उन्हें दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) की जमीन पर घर दिलाने का वादा किया था. इस व्यक्ति ने घर दिलाने के नाम पर 38 प्रोफेसरों से करोड़ों रुपये भी लिए. कई साल बीत जाने पर भी इन प्रोफेसरों को घर नहीं मिल सका. अब इन लोगों ने दिल्ली पुलिस के पास अपनी शिकायत दर्ज कराई है.
पुलिस को इस मामले में आरोपियों के खिलाफ दोष साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत मिले हैं और उसने एफआईआर दर्ज कर ली है. दरअसल, जेएनयू के पर्यावरण विज्ञान विभाग के एक तकनीकी कर्मचारी डॉ. डी पी गायकवाड़ ने 2015 में रिटायर होने से ठीक पहले एक सोसायटी बनाई. इस सोसायटी का नाम नोबल सोशियो-साइंटिफिक वेलफेयर ऑर्गेनाइजेशन (एनएसएसडब्ल्यूओ) नाम दिया.
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सोसायटी बनाकर दिखा दी दूसरे की जमीन
डॉ. डी पी गायकवाड़ ने यह दावा करते हुए अपने साथियों को इस सोसायटी की सदस्यता बेच दी कि लैंड पूलिंग पॉलिसी के तहत द्वारका नजफगढ़ क्षेत्र में एल-जोन में सोसायटी की जमीन है. गायकवाड़ ने जेएनयू, आईआईटी-दिल्ली और आस-पास के अन्य संस्थानों के शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों से कई किस्तों में तीन साल के लिए दो लाख रुपये से लेकर 16 लाख रुपये तक इकट्ठा किए. डी पी गायकवाड़ ने लोगों को आश्वासन दिया कि यह प्रोजेक्ट चालू है.
इस धोखाधड़ी का शिकार हुए जेएनयू के प्रोफेसर गोबर्धन दास ने कहा, 'उसने हम लोगों में से कइयों को एक जमीन दिखाई थी. हमें बाद में पता चला कि NSSWO इस जमीन की मालिक नहीं थी. NSSWO के सभी सदस्यों को धोखा देकर मोटी रकम वसूलने के बाद उसने बातचीत बंद कर दी और अपने सभी फोन नंबर ब्लॉक कर दिए.' उन्होंने आगे बताया कि कुछ प्रोफेसरों ने गुरुग्राम में उसका पता लगाया और वे उसके पास गए. फिर भी उसने एक और आकर्षक योजना की पेशकश के साथ उन्हें फिर से अपने झांसे में ले लिया.
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कई प्रोफेसर झांसे में फंसे
डॉ. डी पी गायकवाड़ के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने वाले 10 लोगों में से एक आईआईटी-दिल्ली के प्रोफेसर विश्वजीत कुंडू ने कहा, 'उसने धोखाधड़ी की अपनी चाल जारी रखी और फरवरी 2019 में, उसने NSSWO की हमारी सदस्यता को सिद्धार्थ ऑफिसर्स हाउसिंग एंड सोशल वेलफेयर सोसाइटी (एसओएचएसडब्ल्यूएस) नामक एक अन्य संस्था को ट्रांसफर करने की पेशकश की, जिसके माध्यम से हमें फ्लैट मिलने थे.'
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DDA Flat दिलाने के नाम पर JNU और IIT Delhi के 38 प्रोफेसरों को लगाया चूना, करोड़ों की ठगी