डीएनए हिंदी: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली है. सुरक्षाबलों को एक इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) का मिला है. जिसे अब नष्ट कर दिया गया है. आतंकियों ने गणतंत्र दिवस के मौके पर भारतीय सेना को निशाना बनाने के लिए IED प्लांट किया था. लेकिन भारतीय सेना ने उनकी इस साजिश को नाकाम कर दिया.
अधिकारियों ने बताया कि आईईडी राजपुरा इलाके के बड़ीबाग पाहु में सड़क किनारे से बरामद हुआ है. उन्होंने कहा कि एक बम निरोधक दस्ते को मौके पर बुलाया गया और उसने आईईडी को नष्ट कर दिया, जिसमें किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा. इस एक्सप्लोसिव के मिलने के बाद सेना ने सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया है. इलाके में गहनता से छानबीन की जा रही है.
सेना के काफिला पर किया था हमला
इससे पहले 12 जनवरी को पुंछ सेक्टर में आतंकियों ने सेना के काफिले पर घात लगाकर हमला किया था. पुछं के खनेतर क्षेत्र सुरक्षाबलों के वाहन गुजर रहे थे तब आतंकियों ने छिपकर गोलीबारी की थी. जिसके जवाब में भारतीय जवानों ने भी फायरिंग की. इससे पहले राजौरी के डेरा में ऐसी ही घात लगाकर किए गए आतंकी हमले में सेना के चार जवान शहीद हो गए थे.
'आतंकी घटनाओं में 66 प्रतिशत की कमी'
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 को रद्द किए जाने के बाद से आतंकी घटनाओं में 66 प्रतिशत और नागरिकों की हत्याओं में 81 प्रतिशत की कमी आई है. अमित शाह ने नई दिल्ली से वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से जम्मू में ई-बस सेवा की शुरूआत करते हुए यह भी कहा कि मोदी सरकार आतंकवाद के वित्त पोषण पर कार्रवाई कर रही, आतंकवादियों की संपत्ति सील एवं कुर्क कर रही और कई आतंकी संगठनों को प्रतिबंधित किया है.
उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 को रद्द करने के बाद आतंकवाद से जुड़ी संपूर्ण घटनाओं में 70 प्रतिशत की कमी आई है, नागरिकों की मौत में 81 प्रतिशत और सुरक्षा बलों की मौत में 48 प्रतिशत की कमी आई है. मोदी की प्रशंसा करते हुए शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने जम्मू कश्मीर को एक पर्यटन केंद्र में बदल दिया है जो कभी आतंकवाद के लिए जाना जाता था. यह एक बड़ा बदलाव है जो जम्मू कश्मीर में हो रहा है.
पथराव की घटनाएं रुकी-शाह
अमित शाह ने कहा,‘वर्ष 2000 में जम्मू कश्मीर में पथराव की 2,654 घटनाएं हुई थीं लेकिन 2023 में यह संख्या घटकर शून्य हो गई. 2010 में करीब 132 बंद के आयोजन किये गए लेकिन 2023 में ऐसी एक भी घटना नहीं हुई.’ गृहमंत्री ने कहा कि 2010 में करीब 112 नागरिकों की पथराव की घटनाओं में मौत हुई लेकिन 2023 में एक भी नागरिक ने जान नहीं गंवाई. 2010 में, करीब 6235 नागरिक पथराव की घटना में घायल हुए लेकिन पिछले साल इस तरह की किसी घटना में एक भी व्यक्ति घायल नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि इससे यह प्रदर्शित होता है कि प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों से जम्मू कश्मीर में खुशहाली, शांति और सामान्य स्थिति का एक नया युग शुरू हुआ है.
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गणतंत्र दिवस पर बड़े हमले की साजिश, पुलवामा में IED बरामद, सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट