डीएनए हिंदी: जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाने के बाद से कई बदलाव हो चुके हैं. नए सिरे से परिसीमन हो गया है. वोटर लिस्ट में भी काफी अंतर आ गया है. अब जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा (Manoj Sinha) ने एक आदेश जारी किया है. इसके मुताबिक, 15 नई जातियों को आरक्षण सूची (Jammu Kashmir Reservation List) में शामिल किया गया है. इन 15 जातियों में पश्चिमी पाकिस्तान से आए शरणार्थी, जाट और गोरखा भी शामिल हैं. अभी तक कुल 27 जातियों को आरक्षण मिल रहा था लेकिन अब कुल 42 जातियों के लोगों को आरक्षण दिया जाएगा.
जिन नई जातियों को आरक्षण सूची में शामिल किया गया है, वे इस प्रकार हैं- वाघे, घिरथ/भाटी/चांग, जाट, सैनी, मरकाबन/पोनीवाला, सोची, हिंदू वाल्मीकि से ईसाई बने लोग, सुनार, तीली, पीमा (कौरव), बोजरू, गोरकन, गोरखा, पश्चिमी पाकिस्तान से आए शरणार्थी और आचार्य.
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Jammu & Kashmir LG Manoj Sinha issues an order to redraw the social caste list, expanding it by including 15 new classes to it under Jammu and Kashmir Reservation Act, 2004; Jats, West Pakistani Refugees, Gorkhas, Wagheys, Pony Walas among the new classes in the list. pic.twitter.com/G4oD5ovN8K
— ANI (@ANI) October 22, 2022
पिछड़ा वर्ग आयोग की सलाह के बाद हुआ फैसला
आदेश के मुताबिक, उपराज्यपाल ने जम्मू-कश्मीर के सामाजिक और शैक्षणिक पिछड़ा वर्ग आयोग की सलाह के बाद, जम्मू-कश्मीर आरक्षण कानून, 2004 की धारा2 के क्लॉज (o) के मुताबिक, इन जातियों को आरक्षण सूची में शामिल करने का फैसला किया है. इसके अलावा जम्मू-कश्मीर आरक्षण नियम, 2005 में जहां कहीं भी 'पहाड़ी बोलने वाले लोग' लिखा गया है, उसे अब 'Pahari Ethnic People' यानी पहाड़ी नस्ल या पहाड़ी मूल के लोग कहा जाएगा.
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J&K: पाकिस्तानी शरणार्थियों समेत 15 और जातियों को आरक्षण, चुनाव से पहले बड़ा 'खेला'