डीएनए हिंदी: जम्मू कश्मरी के अनंतनाद जिले में बुधवार को आतंकियों के साथ मुठभेड़ में तीन अफसर शहीद हो गए. इनमें सेना के कर्नल मनप्रीत सिंह, बटालियन कमांडर मेजर आशीष धोनैक और डीएसपी हुमायूं भट ने शहादत दी. इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और TRF ने ली है. आतंकी हमले में शहीद हुए तीनों अफसरों की शादी हो चुकी है और उनके छोटे-छोटे बच्चे हैं.
कश्मीर पुलिस में विशेष अभियान समूह के DSP हिमायूं भट के परिवार में पिछले साल ही शादी हुई थी. उनकी दो महीने की बेटी है. हुमायूं के पिता गुलाम हसन भट जम्मू कश्मीर पुलिस के सेवानिवृत्त महानिरीक्षक (IG) रहे हैं. डीएसपी मूल रूप से पुलवामा जिले के त्राल के रहने वाले थे. उनका परिवार अब श्रीनगर एयरपोर्ट के पास हुमहामा में वीआईपी कॉलोनी में रहता है.
बेटे के जनाजे को पिता ने दिया कंधा
शहीद डीएसपी का पार्थिव शरीर तिरंगे में लिपटकर घर पहुंचा तो हाहाकार मच गया. 2 महीने की मासूम बेटी अपनी मां की गोद में रो रही थी. परिवार को यकीन ही नहीं हो रहा है कि उनके घर का चिराग अब इस दुनिया में नहीं रहा. पिता गुलाम हसन भट का कहना है कि हुमायूं मुठभेड़ से पहले हिमायूं ने फोन किया था और कहा कि उन्हें बेटी की बहुत याद आ रही है. वह अपनी बेटी से बहुत प्यार करते थे. पीटीआई ने एक वीडियो जारी किया है. जिसमें गुलाम हसन भट अपने बेटे हिमायूं भट के जनाजे को कंधा देते नजर आ रहे हैं.
जम्मू कश्मीर पुलिस के जाबांज DSP हुमायूं भट के जनाजे में हुजूम उमड़ पड़ा. दूर-दूर से लोग शहीज जवान को कंधा देने आए. डीजीपी दिलबाग सिंह ने भी पुलिस और सेना के बहादुर अफसरों की शहादत पर शोक व्यक्त किया और कहा कि जीवन की हर हानि दुर्भाग्यपूर्ण. हमने अपने बहादुर अफसरों को खो दिया.
VIDEO | Last rites of Deputy Superintendent of J&K Police Humayun Bhat martyred in Anantnag encounter, were performed this evening. pic.twitter.com/ld4NlGx6xu
— Press Trust of India (@PTI_News) September 13, 2023
वहीं, इस मुठभेड़ में शहीद हुए कर्नल मनप्रीत सिंह पंचकूला के सेक्टर 26 के रहने वाले थे. कर्नल की पत्नी जगमीत ग्रेवाल हरियाणा के सरकारी स्कूल में टीचर हैं. उनके दो बच्चें हैं. बेट की उम्र 6 साल और बेटी की उम्र 2 साल है. पति की शहादत से जगमीत ग्रेवाल सदमे में हैं. उन्होंने कहा कि मनप्रीत की शहादत के बार में नहीं बताया गया था. उन्हें फोन आया था कि वह घायल हैं. जबकि बटालियन कमांडर मेजर आशीष धोनैक हरियाणा के पानीपत जिले के रहने वाले थे. धोनैक तीन बहनों के इकलौते भाई थे. उनकी दो साल की बेटी है.
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3 साल में सबसे बड़ा हमला
जम्मू कश्मीर में पिछले 3 साल में यह सबसे बड़ा हमला है, जिसमें इतने बड़े रैंक के अफसरों की शहादत हुई है. इससे पहले हंदवाड़ा में 30 मार्च 2020 को 18 घंटे चले ऑपरेशन में कर्नल, मेजर और सब-इंस्पेक्टर समेत 5 अफसर शहीद हो गए थे.
आतंकियों के छिपने की मिली थी सूचना
जानकारी के अनुसार, अधिकारियों ने मंगलवार शाम अनंतनाग के कोकेरनाग के हलूरा गंडूल में आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली थी. इस सूचना के आधार पर 19 राष्ट्रीय राइफल्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त टीम ने काम्बिंग अभियान शुरू किया था. एक जगह पहले से छिपे हुए आतंकियों ने सर्च टीम पर फायरिंग शुरू कर दी. रात में अभियान को रोक दिया गया था, लेकिन पूरा इलाका घेर लिया गया था ताकि आतंकी फरार नहीं हो सकें. बुधवार सुबह दोबारा तलाशी शुरू की गई. कर्नल मनप्रीत के नेतृत्व में टीम आतंकियों के संदिग्ध ठिकाने के करीब पहुंची तो उन पर फायरिंग कर दी गई. फायरिंग में कर्नल मनप्रीत, मेजर आशीष और डीएसपी हूमायूं भट घायल हो गए. तीनों को तत्काल अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान वे शहीद हो गए.
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2 महीने की बेटी, पिता रहे IG, आंसू छलका देगी शहीद DSP हुमायूं भट की कहानी