भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने दिल्ली में तीसरे 'कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन' में मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए कहा कि जनसांख्यिकी और कनेक्टिविटी जैसे फैक्टर्स के साथ-साथ कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence) वैश्विक व्यवस्था को बदल देगी. आर्थिक सम्मेलन में विदेश मंत्री ने कहा कि जनसांख्यिकी, कनेक्टिविटी और AI वैश्विक व्यवस्था को बदल देंगे.
AI वैश्विक व्यवस्था बदल देगा
जयशंकर ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि AI ग्लोबल इकोसिस्टम में सबसे महत्वपूर्ण फैक्टर होने जा रही है और उन्होंने AI को परमाणु हथियारों के समान दुनिया के लिए खतरनाक बताया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आर्थिक सम्मेलन में जयशंकर ने कहा कि AI संभवतः ग्लोबल इकोसिस्टम में सबसे अहम फैक्टर होने जा रहा है. यह दुनिया के लिए उतना ही खतरनाक है जितना कि कभी परमाणु हथियार थे.
वैश्विकरण से सतर्क रहे दुनिया
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि कैसे वैश्वीकरण अगले दशक के लिए एक हथियार की तरह बनता जा रहा है और कहा कि दुनिया को इससे सतर्क रहना चाहिए. वैश्वीकरण ने दुनिया को बांट दिया है. कई लोग इसे नौकरियां जाने की वजह बताते हैं और कई नकारात्मक पहलुओं से जोड़ रहे हैं.
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रिपोर्ट के अनुसार, जयशंकर ने कहा कि पिछले दशक में वैश्वीकरण को लेकर सामाजिक और राजनीतिक प्रतिक्रिया में तेजी आई है. वैश्वीकरण की वास्तविकताएं अनिवार्य रूप से संरक्षणवाद (protectionism) से टकराएंगी. आर्थिक सम्मेलन में जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र की वैश्विक संस्था की कार्यक्षमता के बारे में भी टिप्पणी की.
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Jaishankar ने चेताया, ‘AI परमाणु हथियारों जितना ही खतरनाक है’, समझें विदेश मंत्री ने ऐसा क्यों कहा