Chetna Borebell Rescue Operation : राजस्थान के जयपुर के पास कोटपूतली में 150 फीट गहरे बोरवेल में बीते दिनों गिरी एक 3 साल की बच्ची को आज 10वें दिन बाहर निकाला गया है. चेतना को बाहर निकालने के तुरंत बाद ही रेस्क्यू टीम कपड़ों में लपेटकर अस्पताल लेकर पहुंची, जहां पर डॉक्टरों ने मौत की पुष्टि कर दी. अब शव के पोस्टमार्टम के लिये ले जाया जा रहा है. राजस्थान एनडीआरएफ के चीफ योगेश मीणा के मुताबिक, बच्ची को अचेत अवस्था में निकाला गया है. जब उसे बाहर निकाला गया तो उस दौरान शरीर में कोई मूवमेंट नहीं था.
बीते 10 दिनों से बच्ची को बाहर निकालने के लिए तरह-तरह के तरीके आजमाए जा रहे थे. जिला प्रशासन की टीम ने बोरवेल के समानांतर एक सुरंग खोदकर बच्ची को बाहर निकाला था. पर अब उस बच्ची की जान बच नहीं पाई है.
अब रेस्क्यू ऑपरेशन में देरी पर उठ रहे सवाल
बच्ची को बाहर निकालने के लिए इससे पहले 5 से ज्यादा बार कोशिशें की गई थीं पर टीम उनमें सफलता नहीं प्राप्त कर पाई थी. इसी बीच बारिश होने से भी रेस्क्यू ऑपरेशन में देरी हुई थी. सख्त चट्टानों को काटना टीम के लिए कठिन काम रहा था. इस बार ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार (GPR) मशीन की मदद से बोरवेल की स्थिति को ट्रेस किया गया था. पर रेस्क्यू टीम के रास्ता भटकने को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं कि आखिर सुरंग की दिशा गलत कैसे हुई? बहरहाल मासूम चेतना को बाहर निकाल लिया है और उसकी मौत हो गई.
सबसे लंबा बचाव अभियान
चेतना को बाहर निकालने का राज्य में शायद सबसे लंबे बचाव अभियानों में से एक बताया जा रहा है. यह अभियान 160 घंटे से ज़्यादा समय तक चला जिसके लिए परिवार के सदस्यों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है. दूसरी ओर प्रशासन ने दावा किया है कि यह सबसे कठिन अभियानों में से एक है. सोमवार को कोटपूतली-बहरोड़ की जिला कलेक्टर कल्पना अग्रवाल ने कहा था, 'यह चट्टानी सतह है. बारिश ने भी चुनौती पेश की है. समानांतर सुरंग खोदने के लिए टीमें लगातार प्रयास कर रही हैं.' उन्होंने इसे राज्य का सबसे कठिन बचाव अभियान भी बताया.
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इस बीच, एनडीआरएफ टीम के प्रभारी योगेश कुमार मीणा ने मीडिया को बताया था कि बचाव अभियान लगातार जारी है. राजस्थान के कोटपूतली-बहरोड़ जिले के सरुंड थाने के अंतर्गत बडियाली ढाणी में अपने पिता के कृषि फार्म में खेलते समय चेतना बोरवेल में गिर गई थी. शुरुआत में बच्ची को रिंग की मदद से बोरवेल से बाहर निकालने का प्रयास किया गया, लेकिन सभी प्रयास विफल रहे. दो दिन तक लगातार प्रयास करने के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकला तो बुधवार को समानंतर सुरंग खोदकर बच्ची को बाहर निकाला गया. पर उसे बचाया नहीं जा सका.
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Jaipur Borewell Rescue: 10 दिन के इंतजार के बाद बाहर आई चेतना, पर जिंदा नहीं लाश, डॉक्टरों ने की मौत की पुष्टि