गुजरात के जामनजर में भारतीय वायुसेना के जगुआर लड़ाकू विमान क्रैश में रेवाड़ी के रहने वाले फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव शहीद हो गए. 23 साल के सिद्धार्थ की 23 मार्च को सगाई हुई थी. वह अपने घर के इकलौते बेटे थे. एक तरफ जहां परिवार शादी की तैयारियों में जुटा था, वहीं अगले ही पल घर में घटना की सूचना मिलते ही मातम पसर गया. जानकारी के अनुसार, सिद्धार्थ 31 मार्च को छुट्टी पूरी कर ड्यूटी पर लौटे थे. घटना की सूचना मिलते ही पूरे रेवाड़ी में मातम की लहर दौड़ पड़ी. आज शुक्रवार, सुबह उनका पार्थिव शरीर रेवाड़ी के सेक्टर-18 पहुंचने की उम्मीद है. इसके बाद पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव भालखी-माजरा ले जाया जाएगा, जहां पूरे सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.
कैसे हुआ हादसा
शहीद फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव के पिता सुशील यादव ने बताया कि सिद्धार्थ 2 अप्रैल की रात अपने साथी मनोज कुमार सिंह के साथ जगुआर विमान की रुटीन सॉर्टी पर थे. उड़ान के दौरान कोई तकनीकी खराबी आ गई और विमान क्रैश होने की स्थिति में आ गया. लाख कोशिशें करने के बाद भी प्लेन नियंत्रित नहीं हुआ, जिसके बाद सिद्धार्थ ने बहादुरी दिखाते हुए पहले अपने साथी को सुरक्षित बाहर निकाला और फिर विमान को आबादी वाले इलाके से दूर ले जाने का प्रयास किया. आखिर में वे वीरगति को प्राप्त हो गए.
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आपको बता दें कि 23 मार्च को सिद्धार्थ की सगाई हुई थी. इसी साल दो नवंबर को उनकी शादी होनी थी. घर में पूरा परिवार बेटे की शादी की धूमधाम से तैारियां कर रहा था, वहीं एक हादसे ने खुशियों को पलभर में मातम में बदल दिया. बता दें कि सिद्धार्थ के परदादा बंगाल इंजीनियर्स में कार्यरत थे, जो ब्रिटिशर्स के अधीन था. सिद्धार्थ के दादा पैरा मिलिट्री फोर्सेस में थे. सिद्धार्थ के पिता भी एयरफोर्स में रहे. वर्तमान में वह LIC में कार्यरत हैं. यह चौथी पीढ़ी है, जो सेना में सेवाएं दे रही थी.
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