डीएनए हिंदी: 2023 में तमाम सफलताएं अर्जित करने के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) 2024 में नए धमाकों के लिए तैयार है. इसरो चीफ एस सोमनाथ ने गुरुवार को कहा कि भारत भू-खुफिया जानकारी एकत्र करने के लिए अगले पांच वर्षों में 50 सैटलाइट को प्रक्षेपित करने का लक्ष्य रख रहा है. उन्होंने कहा कि इनमें सैनिकों की आवाजाही पर नजर रखने और हजारों किलोमीटर क्षेत्र की तस्वीरें लेने की क्षमता के साथ विभिन्न कक्षाओं में उपग्रहों की एक परत का निर्माण शामिल होगा.
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), बॉम्बे के वार्षिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी समारोह टेकफेस्ट को संबोधित करते हुए सोमनाथ ने कहा कि बदलावों का पता लगाने, आंकड़ों के विश्लेषण के लिए एआई से संबंधित और डेटा आधारित प्रयासों के मामले में उपग्रहों की क्षमता बढ़ाना अहम है. उन्होंने कहा कि एक मजबूत राष्ट्र बनने की भारत की आकांक्षा को साकार करने के लिए, इसके उपग्रह बेड़े का वर्तमान आकार पर्याप्त नहीं है और इसे आज की क्षमता के मुकाबले दस गुना होना चाहिए.
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क्यों जरूरी हैं ये सैटलाइट?
उन्होंने कहा कि अंतरिक्षयान देश की सीमाओं और पड़ोसी क्षेत्रों पर नजर रखने में सक्षम हैं. सोमनाथ ने कहा, 'यह सब सैटलाइट से देखा जा सकता है. हम इसे संभालने के लिए सैटलाइट लॉन्च कर रहे हैं लेकिन अब सोचने का एक अलग तरीका है और हमें इसे और अधिक महत्वपूर्ण तरीके से देखने की जरूरत है क्योंकि (किसी भी) राष्ट्र की शक्ति उसकी यह समझने की क्षमता है कि उसके आसपास क्या हो रहा है.'
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इसरो चीफ ने कहा, 'हमने अगले पांच सालों में 50 सैटलाइट को अंतिम रूप देने के लिए उनका संयोजन कर लिया है और इसे अगले पांच साल से अधिक समय में इस विशेष भू-खुफिया जानकारी संग्रह में सहायता के लिहाज से भारत के लिए भेजा जा रहा है.' सोमनाथ ने कहा कि अगर भारत इस स्तर पर सैटलाइट भेज सकता है तो देश के सामने आने वाले खतरों को बेहतर तरीके से कम किया जा सकता है.
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जासूसी करने वाले 50 सैटलाइट भेजेगा भारत, जानिए क्या है इसरो का प्लान