देश बदल रहा है और आधी आबादी आत्मनिर्भर हो रही है. हालांकि भारत के वर्कफोर्स में पुरुषों का दबदबा रहा है लेकिन अब महिलाएं भी पीछे नहीं रही हैं वो  घर के बाहर निकल कदम से कदम मिला कर काम काज में बराबरी की जगह तलाश रही हैं.  यही नहीं शहरी कामकाजी महिलाओं की संख्या तेज गति से बढ़ी है. बता दें कि महिला कामगारों की संख्या 25.6 फीसदी पर पहुंच गया है. और ये आंकड़ा सरकारी है. मिनिस्ट्री ऑफ स्टैटिक्स एंड प्रोग्राम इम्पीमेनटेशन की रिपोर्ट के अनुसार महज एक वर्ष के आंकड़ों पर नजर डालें तो कामकाजी महिलाओं की संख्या में लगभग तीन फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.
एमएसपीएल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि शहरी इलाकों में महिला कामगार जो पिछले वर्ष जनवरी से मार्च 2023 में 22.7 फीसदी थीं वो 2024 में बढ़कर इसी तिमाही में 25.6 फीसदी पर पहुंच गया है.

यही नहीं 15 वर्ष से अधिक आयु के किशोरों की भी शहरी क्षेत्रों में  श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर) 48.5% से बढ़कर 50.2% (जनवरी-मार्च 2023 से जनवरी-मार्च 2024) हो गई है.

 

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि जनवरी से मार्च की अवधि में महिलाओं की बेरोजगारी दर में भारी गिरावट देखी गई है. इस सरकारी आंकड़े में यह भी बताया गया है कि इस वर्ष की मार्च तिमाही में महिला बेरोजगारी दर घटकर 8.5 फीसदी ही रह गई है जो कि पिछले वर्ष इसी अवधि में 9.2 फीसदी थी.


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बता दें कि जनवरी से मार्च के बीच कुल बेरोजगारी दर में भी मामूली गिरावट देखने को मिली है. पिछले वर्ष बेरोजगारी दर 6.8 प्रतिशत थी जो घटकर 6.7 प्रतिशत ही रह गई है.

बता दें कि महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए पिछले 10 वर्षों में मोदी सरकार ने न केवल विशेष सदन बुलाकर एक ओर जहां सदन में 33 फीसदी आरक्षण पर मुहर लगा दी वहीं महिलाओं की संख्या श्रम भागीदारी में बढ़ाने को लेकर कई कदम उठाए गए हैं.  2017 में मैटरनिटी लीव को 12 हफ्ते से बढ़ाकर 26 हफ्ते कर दिया गया. वहीं, बच्चा गोद लेने वाली महिलाओं को भी 12 हफ्तों की मैटरनिटी लीव दी जाने लगी थी. 

 ग्रेट प्लेस टू वर्क इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय कंपनियों में काम करने वाली महिलाओं की संख्‍या में लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है. इसी साल अब तक महिला कार्यबल की संख्या कंपनियों में बढ़कर 26 प्रतिशत हो गई है. यह 2021 में 21 प्रतिशत था.


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शहरी क्षेत्रों में काम करने वाली महिलाओं की बढ़ी भागीदारी

कामकाजी महिलाओं की संख्या में पिछले तीन महीने में हर महीने लगभग 0.7 फीसदी की बढ़ोतरी दिखाई दे रही है. बता दें कि वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में 23.2 फीसदी पर थी दो दूसरी तिमाही में 24 फीसदी पर पहुंच गई वहीं तीसरी तिमाही में यह 1 परसेंट बढ़कर 25 फीसदी पर पहुंच गया वहीं अगर चौथी तिमाही की बात करें तो यह 22.7 फीसदी पर थी. (यह आंकड़े सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) के जारी सर्वेक्षण के मुताबिक)

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Indian women are less unemployed than men unemployment rate men vs women
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पुरुषों की तुलना में कम बेरोजगार हैं महिलाएं, सरकारी आंकड़ों में हुआ खुलासा
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