डीएनए हिंदी: लद्दाख में LAC पर मई-जून 2020 से भारतीय और चीन दोनों के बीच तनाव है. पिछले ढाई सालों में यहां कई जगहों पर आपसी सहमति बनने के बाद दोनों पक्ष पीछे जरूर हटे हैं लेकिन अविश्वास बरकरार है. अब भारतीय सेना किसी भी हालात में चीनी PLA के वादों पर आंख मूंदकर विश्वास करने के लिए तैयार नहीं है. सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने मंगलवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख सीमा गतिरोध से कुछ प्रमुख सीख मिलीं, जिनमें "हर समय उच्च स्तर की परिचालन तैयारियों बनाए रखना" और बुनियादी ढांचे में सुधार करना शामिल है.
राजधानी नई दिल्ली में 'इंडिया डिफेंस कॉन्क्लेव' में हुई परिचर्चा के दौरान जब उनसे सवाल किया गया कि पूर्वी लद्दाख में गोगरा-हॉटस्प्रिंग में 'पेट्रोलिंग पॉइंट 15' से भारतीय और चीनी सैनिकों के हाल में पीछे हटने के बाद अगला कदम क्या है, इस पर जनरल पांडे ने कहा, "हमने गतिरोध वाले बिंदुओं से सैनिकों के पीछे हटने के संदर्भ में प्रगति की है. हमारे पास अभी भी गतिरोध वाले दो बिंदु हैं, जहां हमें प्रगति करने की आवश्यकता है. मुझे यकीन है कि हम इन गतिरोध वाले बिंदुओं को लेकर समाधान निकाल लेंगे."
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वायु सेना प्रमुख ने कही यह बात
वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल विक्रम राम चौधरी ने कहा कि हमारे पड़ोस में सुरक्षा को लेकर माहौल आदर्श स्थिति से काफी दूर है और भारत की आर्थिक प्रगति को स्वदेश विकसित सैन्य क्षमताओं से पूर्णता प्रदान करनी होगी. देश के सामने अनेक प्रकार के खतरे होने की बात को रेखांकित करते हुए एयर चीफ मार्शल चौधरी ने कहा, "यूक्रेन में चल रहे संघर्ष का असर पूरी दुनिया में महसूस किया जा रहा है. दुनिया में आर्थिक मंदी का दौर है और कई छोटे देश पहले ही अत्यधिक महंगाई से पैदा हुई राजनीतिक तथा आर्थिक अस्थिरता का सामना कर रहे हैं. इस माहौल से भारत अभी अछूता है क्योंकि हमारी अर्थव्यवस्था ने जबरदस्त भरपाई की है."
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विक्रम राम चौधरी ने कहा कि हमारे पड़ोस में सुरक्षा परिदृश्य आदर्श स्थिति से बहुत दूर है. इसलिए हमारी आर्थिक प्रगति में स्वदेश विकसित सैन्य क्षमताओं का पूरक होना जरूरी है. एयर चीफ मार्शल ने कहा कि एक जिम्मेदार महाशक्ति के रूप में भारत टिकाऊपन, समावेश, आर्थिक वृद्धि और सुरक्षा के उद्देश्यों के साथ सहयोग एवं साझेदारी बढ़ाने को प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि आज के राजनीतिक परिदृश्य को देखते हुए भारतीय वायु सेना के लिए परंपरागत, अर्द्ध-परंपरागत और गैर-परंपरागत क्षेत्रों में उसकी क्षमताओं का विस्तार करना महत्वपूर्ण है.
इनपुट- एजेंसी
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Ladakh में LAC पर इंडियन आर्मी का अगला कदम क्या होगा? सेना प्रमुख ने बताया