डीएनए हिंदी: भारतीय सेना (Indian Army) ने नए कॉम्बेट यूनिफॉर्म (Combat Uniform) के लिए कैमॉफ्लाज पैटर्न ड्रेस का इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट हासिल कर लिया है. सेना दिवस 2022 के दौरान सेना प्रमुख ने इस खूबसूरत कॉम्बेट यूनिफॉर्म का अनावरण किया गया. डिजाइन का कॉपीराइट 10 साल के लिए भारतीय सेना के पास है. अब यह पांच साल के लिए और बढ़ने वाला है. अब सेना की ये वर्दी धंधेबाज खुले बाजार में इसे नहीं बेच सकेंगे.
आर्मी यूनिफॉर्म की सामान्य बाजारों में खुली बिक्री, हमेशा सैनिकों के लिए बड़े खतरे पैदा करती रही है. कश्मीर और दूसरे सीमावर्ती इलाकों में सेना की सबसे बड़ी चुनौतियों ऐसे वर्दियों की आसान बिक्री रही है. यह देश के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रही थी.
फेक यूनिफॉर्म से बढ़ रही थीं सेना की मुश्किलें
आतंकी और अपराधी आर्मी की यूनिफॉर्म आसानी से खरीदकर पहन लेते थे और सिविलियंस के लिए मुश्किलें पैदा करते थे. कश्मीर में आतंकी इस फॉर्मूले पर काम करते रहे हैं. आतंकी सेना की ड्रेस में गलत काम करके सेना को बदनाम करने की कोशिशें कर चुके हैं. अब इस पर रोक लगने वाली है.
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केवल आर्मी कैंटीन में बिकेली कॉम्बेट यूनिफॉर्म
अब आर्मी की कॉम्बेट यूनिफॉर्म केवल भारतीय सेना की यूनिट रन कैंटीन में ही बेची जाएंगी. इस इंटेलेक्चुलअ प्रॉपर्टी राइट्स (IPL) की वजह से भारतीय सेना के पास अब डिजाइन के लिए विशेष अधिकार हैं. सेना के किसी भी डिजाइन का उल्लंघन और मैन्युफैक्चरिंग सामने आने के बाद कानूनी एक्शन लिया जा सकता है. सेना की दक्षिणी कमान ने यह ऐलान किया है.
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अगर बेची वर्दी तो लिया जाएगा सख्त ऐक्शन
सेना और दूसरे अधिकारियों ने अपने-अपने क्षेत्र के विक्रेताओं को इस संबंध में जानकारी दी है कि अब वे सेना से संबंधित किसी भी तरह का यूनिफॉर्म न बेचें. अगर ऐसा हुआ तो उनके खिलाफ कानूनी एक्शन लिया जा सकता है.
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खुले मार्केट में नहीं मिलेगी आर्मी की कॉम्बेट यूनिफॉर्म, सेना को मिला इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स