डीएनए हिंदी: भारत-चीन टकराव (India-China Dispute) के बीच लद्दाख सीमा पर डिसइंगेजमेंट को लेकर काफी हद तक सहमति बन चुकी है लेकिन अभी भी हालत तनावपूर्ण ही हैं. चीन हमेशा से ही भारत के लिए एक चुनौती रहा है और इसको देखते हुए भारत लगातार चीन सीमा पर अपना इन्फ्रास्ट्रक्चर मजबूत कर रहा है. इसके अलावा अब भारतीय वायुसेना (Indian Airforce) ने भी अपना जंगी बेड़ों में लड़ाकू विमानों समेत मिसाइलों के विस्तार देने का प्लान बनाया है जिससे किसी भी वक्त चीन की हवाई चुनौतियों का सामना कर मुंह तोड़ जवाब दिया जा सके. 

हालिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारतीय वायुसेना ने अपने बेड़े में हवा से लॉन्च की जाने वाली ब्रह्मोस मिसाइल को ले जाने की क्षमता रखने वाले सुखोई SU-30MKI लड़ाकू विमानों की संख्या बढ़ाने का प्लान बनाया है. इसके साथ ही इन लड़ाकू विमानों और मिसाइलों की क्षमता बढ़ाने की भी योजना है जिससे मिसाइल की रेंज को एक नया विस्तार दिया जा सके.

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अमेरिकी मिसाइलों को टक्कर देती है ब्रह्मोस मिसाइल 

बात सुपरसोनिक मिसाइल ब्रह्मोस की करें तो ब्रह्मोस की मारक क्षमता 500 किलोमीटर तक होगी जो 1,500 किलोमीटर तक बढ़ाई जा सकती है. इसका वजन करीब 2,500 किलोग्राम है और यह अमेरिका की सबसे आधुनिक मिसाइलों का मुकाबला करने की क्षमता रखती है. साल 2020 में एक परीक्षण के दौरान इस मिसाइल से लैस सुखोई ने पंजाब के एक एयरबेस से उड़ान भरी और करीब 4,000 किलोमीटर दूर हिंद महासागर में स्थित एक लक्ष्य को भेद दिया था जिसे एक बड़ी उपलब्ध माना गया है.

मॉडिफाई किए गए हैं सुखोई विमान

वहीं अहम रिपोर्ट यह भी है कि वायुसेना ने ब्रह्मोस एयर लॉन्च क्रूज मिसाइल को संचालित करने में सक्षम बनाने के लिए 40 सुखोई-30 विमानों को संशोधित करने की योजना को मंजूरी दे रखी है. इन विमानों का संशोधन हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा हो रहा है. अब तक 35 संसोशित विमान वायुसेना को मिल चुके हैं. इनके अलावा 20 से 25 लड़ाकू विमानों को संशोधित किए जाने की योजना है. इसके जरिए सुखोई विमान ब्रह्मोस मिसाइलों को आसानी से उनके लक्ष्य तक भेजने में मदद करेंगे. 

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चीन पाकिस्तान है सबसे बड़ा खतरा

आपको बता दें कि पाकिस्तान और चीन के साथ लगती भारत की पश्चिमी और पूर्वी सीमा पर तैनात सुखोई विमान इन देशों के अंदर स्टैंड-ऑफ रेंज के लक्ष्य भेद सकते हैं. इतना ही नहीं, भारतीय हवाई क्षेत्र के अंदर से भी सुखोई विमान के जरिए ब्रह्मोस मिसाइलें लक्ष्य भेद सकती हैं. वर्तमान वैश्विक  स्थिति में चीन और पाकिस्तान वैसे तो सवालों के घेरे में हैं लेकिन पर्दे के पीछे से चीन के अलावा पाकिस्तान की मदद में अमेरिका की अहम भूमिका रही है. ऐसे में इन दोनों दुश्मनों के सामने भारत अपनी स्थिति लगातार मजबूत कर रहा है.

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Indian Airforce increase strength deal challenge China Sukhoi Brahmos
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China की चुनौती से निपटने के लिए ताकत बढ़ाएगा Indian Airforce
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भारत के प्लान से बढ़ी ड्रैगन की टेंशन, एयरफोर्स को मिलने जा रहे हैं ये घातक विमान