दक्षिण एशिया में अपने साम्राज्यवादी मंसूबों को पूरा करने के लिए चीन (China) ने कई बार समुद्री सीमाओं में दखल देने की कोशिश की है. भारत के लिए सीमाओं की सुरक्षा और समुद्री सीमाओं में घुसपैठ रखना बेहद कठिन है. एक ओर चीन की विस्तारवादी नीतियों का सामना करना है, तो दूसरी ओर पाकिस्तान (Pakistan) भी ड्रैगन की हरकतों में साथ देता है. ऐसे वक्त में अमेरिका ने भारत के लिए बड़ी मदद का ऐलान किया है. चीन के मंसूबों पर पानी फेरते हुए अमेरिका ने भारत को एंटी-सबमरीन वॉरफेयर सोनोबुऑय बेचने का फैसला किया है.
अमेरिका ने की भारत की बड़ी मदद
भारत और अमेरिका (India-Us Relation) के बीच सामरिक और रणनीतिक रिश्ते पिछले एक दशक में और भी प्रगाढ़ हुए हैं. इसका सबूत है कि चीन की उम्मीदों को झटका देते हुए अमेरिका ने सोनोबुऑय यंत्र भारत को बेचने का फैसला किया है. यह एक खास तरह के यंत्र होते हैं, जिनका इस्तेमाल भारत के लिए समुद्री सीमाओं को सुरक्षित बनाने में बहुत मददगार साबित हो सकता है.
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अमेरिकी यंत्र है समुद्री सुरक्षा के लिए कवच
सोनोबुऑय एक ऐसी आधुनिक मशीन होती है, जो समुद्र के नीचे और ऊपर चलने वाले किसी भी जहाज या पनडुब्बी को डिटेक्ट कर सकती है. यह न सिर्फ किसी जहाज को डिटेक्ट करती है, बल्कि उसकी पोजिशन, लोकेशन और मूवमेंट को भी सटीक तरीके से आकलन करने में सक्षम है. सोनोबुऑय मशीन का एक हिस्सा पानी के ऊपरी सतह पर रहता है और दूसरा हिस्सा तार से जुड़ा होता है.
सोनोबुऑय की मदद से भारत के लिए पानी के अंदर होने वाली घुसपैठ को रोकना बेहद आसान होगा. इस यंत्र के सहारे पानी के अंदर से आने वाली आवाजों को डिटेक्ट किया जा सकता है. इससे भारतीय नौसेना को एक्टिव होकर सही एक्शन लेने का मौका मिलेगा. पाकिस्तान और चीन दोनों के लिए भारत और अमेरिका के बीच हुई यह डील एक करारा झटका है.
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चीन और पाकिस्तान की उड़ जाएगी नींद, भारत को अमेरिका दे रहा ऐसी तकनीक