डीएनए हिंदी: जम्मू और कश्मीर (Jammu Kashmir) के संबंध में जर्मनी (Germany) और पाकिस्तान (Pakistan) के विदेश मंत्रियों की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस भारत को रास नहीं आई है. भारत ने दोनों के बयानों के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है. विदेश मंत्रालय ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद को खत्म करने में वैश्विक समुदाय के सदस्यों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. भारत ने यह जोर देकर कहा है कि आतंकी हमलों का शिकार विदेशी नागरिक भी होते हैं. 

भारत की ओर से विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि सीमावर्ती राज्यों में आतंकवाद रोकने की जिम्मेदारी सबकी होती है. दशकों से जम्मू और कश्मीर में आतंकवाद की आग सुलगती रही है. यह अब तक हो रहा है. विदेशी नागरिकों को भी यहां निशाना बनाया गया है. भारत के दूसरे हिस्सों में भी. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और FATF अब तक यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि 26/11 के हमलों में पाकिस्तान की संलिप्तता थी या नहीं.

पाकिस्तान में मंत्री समेत विदेशी नागरिकों का अपहरण, छोड़ने के लिए आतंकियों ने रखी ये मांग

खतरों को न पहचानना दुनिया के साथ अन्याय

विदेश मंत्रालय ने कहा, 'जब दुनिया ऐसे खतरों को नहीं पहचानती है तो वह आतंकवाद के पीड़ितों के साथ घोर अन्याय करती है. अपने स्वार्थ की वजह से वे शांति के प्रयासों को कमजोर करते हैं और पीड़ितों के साथ अन्याय करते हैं.' 

क्यों भारत ने जर्मनी-पाकिस्तान को घेरा?

जर्मनी की विदेश मंत्री अन्नालेना बारबॉक के साथ बर्लिन में अपने पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. भारत ने उनके प्रेस कॉन्फ्रेंस पर ही निशाना साधा है. बिलाव भुट्टो ने कश्मीर में मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाया था. 

Ales Bialiatski कौन हैं? क्यों मिला नोबेल शांति पुरस्कार? जानिए पूरी वजह

बिलावल भुट्टो ने शुक्रवार को कहा था, 'जम्मू-कश्मीर विवाद के शांतिपूर्ण समाधान के बिना दक्षिण एशिया के अंदर शांति संभव नहीं है. हम भारत अधिकृत कश्मीर का मुद्दा उठाते रहेंगे, क्योंकि हमारा मानना है कि अंतरराष्ट्रीय कानून हर जगह लागू होना चाहिए. संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव का हर जगह सम्मान होना चाहिए.'

जर्मनी ने कश्मीर पर क्या कहा?

अन्नालेना बारबॉक ने कहा था, 'कश्मीर की स्थिति को लेकर जर्मनी की भी एक जिम्मेदारी और भूमिका है. हम संयुक्त राष्ट्र की उस पहल का समर्थन करते हैं, जिसके जरिए कश्मीर मुद्दे का शांतिपूर्ण समाधान निकाला जा सकता है.

उन्होंने कहा, 'हम पाकिस्तान और भारत के बीच सीमा पार सहयोग को लेकर मुश्किल वक्त में सकारात्मक संकेत देख रहे हैं.हम चाहते हैं कि दोनों देशों के बीच सीज फायर बना रहे. संयुक्त राष्ट्र, कूटनीतिक और राजनीतिक संवाद के जरिए मुद्दा सुलझाया जाए.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Url Title
India slams Pakistan Germany for remarks on Jammu and Kashmir victims of terrorism
Short Title
जर्मनी जाकर पाकिस्तान ने अलापा कश्मीर राग, भारत ने जमकर लगाई फटकार
Article Type
Language
Hindi
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची. (फाइल फोटो-PTI)
Caption

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची. (फाइल फोटो-PTI)

Date updated
Date published
Home Title

जर्मनी जाकर पाकिस्तान ने अलापा कश्मीर राग, भारत ने जमकर लगाई फटकार