डीएनए हिंदी: भारत में जी20 शिखर सम्मेलन का सफल आयोजन हुआ. दिल्ली के प्रगति मैदान के भारत मंडपम (Bharat Mandapam) में 9 और 10 सितंबर को हुए इस समिट में दुनियाभर के दिग्गज नेताओं ने हिस्सा लिया. इसमें राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden), ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और तुर्किये के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन भी शामिल थे. G20 समिट का भव्य तरीके से आयोजन कर भारत ने पूरी दुनिया को दिखा दिया कि आने वाला वक्त हमारा है. यही वजह है कि इस समिट के बाद भारत के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में स्थायी सदस्यता देने की मांग उठने लगी है.
जी20 समिट के आखिरी दिन रविवार को तुर्किये के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगन ने कहा कि अगर भारत जैसा देश संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) का स्थायी सदस्य बनता है तो उनके देश को गर्व होगा. एर्दोआन ने कहा कि सभी गैर-P5 सदस्यों को बारी-बारी से सुरक्षा परिषद का सदस्य बनने का अवसर मिलना चाहिए. वह एक मीडिया ब्रीफिंग में सवाल का जवाब दे रहे थे.
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दुनिया पांच से कहीं बड़ी-एर्दोगन
P5 या सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका के संदर्भ में तुर्किये के राष्ट्रपति ने कहा कि दुनिया पांच से कहीं बड़ी है. उन्होंने कहा कि हमें गर्व होगा अगर भारत जैसा देश संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बन जाए.’ एर्दोगन ने पीएम मोदी के साथ व्यापार और अवसंरचना संबंधों को मजबूत करने पर भी चर्चा की. एर्दोगन ने दोनों देशों के बीच सहयोग की व्यापक संभावनाओं का लाभ उठाने का भरोसा जताया.
उन्होंने कहा कि भारत दक्षिण एशिया में हमारा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और हम इस साल की शुरुआत में तुर्किये में हुए चुनाव के बाद मुख्य रूप से अर्थव्यवस्था और कई अन्य क्षेत्रों में सहयोग की बड़ी क्षमता का दोहन करने में सक्षम होंगे.’ एर्दोआन ने कहा कि यह गर्व की बात है कि भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में भूमिका निभा रहा है. उन्होंने कहा कि वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पांच स्थायी और 15 अस्थायी सदस्यों को स्थायी सदस्य बनाए जाने के पक्ष में हैं. एर्दोआन ने कहा, ‘उन 20 (5+15) को बारी-बारी से यूएनएससी का स्थायी सदस्य होना चाहिए.
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एर्दोगन के इस बयान के बाद पाकिस्तान को लगेगी मिर्ची
तुर्किये के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगन के इस बयान से पाकिस्तान में बैचेनी बढ़ जाएगी. क्योंकि तुर्किये अभी तक पाकिस्तान समर्थक करता आया था. तुर्कीये सरकार अंतराष्ट्रीय मंचों पर कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान के सुर में सुर मिलाता रहा है. खुद राष्ट्रपति एर्दोगन कई बार संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर मुद्दे को उठा चुके हैं. हालांकि, हर बार भारत ने उनकी बौलती बंद की है.
ऐसे में तुर्किये का UNSC में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन करना विदेश नीति में एक मजबूत पॉइंट माना जा रहा है. भारत और तुर्किये के बीच बढ़ते मजबूत संबंधों देखकर पाकिस्तान में बौखलाहट होने वाली है. इस कदम के पीछे पाकिस्तान से तुर्किए का मोहभंग भी माना जा रहा है.
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turkish president tayyip erdogan and pm narendra modi
G20 के बाद UNSC में होगी भारत की स्थायी एंट्री? तुर्किये ने किया समर्थन