डीएनए हिंदी: भारत और चीन के सैनिकों के बीच एक बार फिर से झड़प (India China Clash) हुई है. इस बार यह विवाद अरुणाचल प्रदेश के तवांग में हुई है. खबरों के मुताबिक भारतीय सेना (Indian Army) के जवानों ने चीनी सैनिकों (PLA) को अच्छे से सबक सिखाया है. वैसे तो दोनों देशों के सैनिकों को चोट लगने की खबरें आई हैं लेकिन घायल होने वालों में चीनी सैनिक ज़्यादा हैं. इससे पहले लद्दाख की गलवान घाटी (Galwan Valley) में भी चीन ने इसी तरह की हरकत की थी और तब भी भारत के जांबाज सिपाहियों ने तगड़ा पाठ पढ़ाया था. सीमा के आसपास के इलाकों में चीन की ऐसी हरकतें लगातार जारी हैं. हर बार मुंह की खाने के बावजूद चीन सुधरने का नाम नहीं लेता है.

साल 2005 से लेकर 2022 के बीच चीन ने इस तरह की हरकत कुल आठ बार की है. हर बार भारतीय सेना के जवानों के हाथों चीनी सैनिकों को मुंह की खानी पड़ी है. इन झड़पों का मुख्य केंद्र लद्दाख में पैंगोंग झील, अरुणाचल प्रदेश से गुजरने वाली LAC और अन्य सीमावर्ती इलाके रहे हैं. दोनों देशों के बीच कई जगहों पर कोई तय सीमांकन न होने से अक्सर इस तरह के विवाद होते रहते हैं. हालांकि, इनका समाधान भी निकाला जाता है लेकिन चीन की विस्तारवादी नीति उसे फिर से ऐसी हरकतें करने पर मजबूर कर देती है.

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कब-कब भिड़े भारत और चीन के सैनिक

  • 12 दिसंबर 2022- अरुणाचल प्रदेश के तवांग में चीन और भारतीय सैनिक भिड़ गए. इस झड़प में दोनों देशों के सैनिक घायल हुए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, इस झड़प में चीन के लगभग 300 सैनिक शामिल थे. घायलों में भी चीन के सैनिकों की संख्या ज़्यादा है.
  • अक्टूबर 2021- अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में यांगत्से के पास भारतीय सैनिकों ने चीन के 200 सैनिकों को रोका था. ये चीनी सैनिक भारतीय सीमा में घुस आए थे.
  • 30 अगस्त 2021- इस बार उत्तराखंड के बारहोती में 100 चीनी सैनिक भारतीय सीमा में घुस आए थे. रिपोर्ट के मुताबिक, ये सैनिक कई किलोमीटर अंदर आए थे. हालांकि, इस बारे में भारत की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया.
  • अगस्त 2020- लद्दाख की पैंगोंग झील के पा चुशूल सेक्टर में चीन की हरकतें देख भारतीय सैनिकों ने ऊंचाई वाले हिस्सों पर कब्जा जमा लिया और चीन की संभावित घुसैपठ को रोक दिया. खिसियाए चीन ने कहा कि उसने कभी ऐसी घुसपैठ की कोशिश ही नहीं की.
  • 15 जून 2020- लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच कई घंटों तक संघर्ष चला. पेट्रोल प्वाइंट 14 के पास हुए इस संघर्ष में कर्नल संतोष बाबू शहीद हो गए थे. हालांकि, कर्नल संतोष और उनकी टीम ने चीनियों के टेंट उखाड़ दिए थे. यह झड़प इतनी हिंसक थी कि भारत के 20 जवान शहीद हो गए. खबरों के मुताबिक, चीन के 40 से जवान मारे गए थे लेकिन चीन ने कभी इसे स्वीकार नहीं किया.
  • 21 मई 2020- गलवान में मई 2020 में भी चीनी सैनिकों ने घुसपैठ की कोशिश की. डीबीओ रोड के विरोध को लेकर चीन ने यहां टेंट लगाए. इसको लेकर अभी भी विवाद जारी है.
  • 10 मई 2020- सिक्किम में दोनों देशों की सेनाओं के बीच झड़प हुई. सैनिकों के बीच हुई पत्थरबाजी में कई घायल भी हुए. बाद में बयान आया कि बातचीत से मसले को सुलझा लिया गया है. 
  • 5 मई 2020- पैंगोंग झील पर दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प हुई थी. इसमें भी दोनों देशों के सैनिक जख्मी हो गए थे.

लद्दाख में हुई झड़पों के बाद दोनों देशों ने कुछ-कुछ हिस्सों पर कब्जा जमा लिया. इस को लेकर दोनों देशों के बीच कमांडर स्तर की दर्जनों वार्ताएं हो चुकी हैं. कुछ मुद्दों पर हल भी निकाला जा चुका है. हालांकि, कई मुद्दे ऐसे भी हैं जिन पर तमाम चर्चाओं के बाद भी कोई हल नहीं निकाला जा सका है.

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गलवान से तवांग तक, हर बार Indian Army से पिटा चीन, फिर भी सुधरने का नाम नहीं लेत
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गलवान से तवांग तक हर बार पिटा चीन, फिर भी सुधरने का नाम नहीं लेता