2015-2016 से 2022-2024 तक के NSO के रिपोर्ट के अनुसार, कई राज्यों के रोजगार के आंकड़ों में काफी उतार चढ़ाव देखा गया है. देश के 28 राज्यों में से 13 राज्यों में रोजगार के आंकड़े तेजी से घटे हैं. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO)के unincorporated sector enterprises(SUSE) के सालाना सर्वेक्षण आंकड़ो के अनुसार, इस
साल पश्चिम बंगाल में 30 लाख नौकरियां घटीं हैं. इसके अलावा कई राज्य ऐसे भी हैं जहां 6-7 लाख नौकरियों में बढ़त देखी गई है.
क्यों घटी नौकरियां
एक्सपर्ट का कहना हैं कि, जिन राज्यों के असंगठित क्षेत्रों में कृषि क्षेत्र कम हैं और औद्योगिक ज्यादा हैं वहां रोजगार अधिक है. जिन राज्यों में नौकरियां घटी उनका मुख्य कारण हैं, सरकार द्वारा लाई गई अलग-अलग पॉलिसी हैं. बात दें कि, गैर सरकारी क्षेत्रों में अधिकतर लोगों कि कोरोना काल में नौकरियां जाने के बाद उन्होंने अपना खुद का बिजनेस शुरु कर दिया था, ताकी वह अपनी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा कर सकें.
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देश के 13 राज्यों में जॉब की कमी
देश के 28 राज्यों में से 13 राज्यो में रोजगार तेजी से घटते देखा गया है. बात दें कि, पश्चिम बंगाल में बाकी राज्यों के मुकाबले 30 लाख के करीब सबसे ज्यादा जॉब की कमी देखी गई है. इसके बाद कर्नाटक (13 लाख ), तमिलनाडु (12 लाख), यूपी (7.91 लाख ), केरल (6.40 लाख), असम(4.94 लाख) और तेलंगाना (7.91 लाख ) में भी नौकरियां घटी हैं. इसके साथ ही केंद्र शासित राज्यों की बात करें तो यहां भी जॉब की कमी देखने को मिली है. वहीं, दिल्ली (23 लाख से 19 लाख) , चंडीगढ़( 51 हजार ) , पुडुचेरी (32 हजार) की कमी आई है.
वहीं, असंगठित राज्य जैसे महाराष्ट्र और गुजरात में (7.61 लाख), ओडिशा (7.61 लाख), राजस्थान (7.56 लाख), मध्य प्रदेश और बिहार (6 लाख), पंजाब(3 लाख), झारखंड (4 लाख) और हरियाणा में 3 लाख के करीब नौकरियों में वृद्धि देखने को मिली है.
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Unemployment Rate: 7 सालों में पश्चिम बंगाल में घटीं 30 लाख नौकरी, MP, हरियाणा-बिहार में बढ़े रोजगार के मौके