डीएनए हिंदीः छत्तीसगढ़ के बिलासपुर हाईकोर्ट (Chhattisgarh High Court) ने तलाक के एक मामले में अहम टिप्पणी की है. कोर्ट ने अपने महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि अगर पत्नी शराब पीकर या पान मसाला, गुटखा और मांस खाकर पति को परेशान करती है तो यह भी क्रूरता है. मामले की सुनवाई के दौरान पति ने कहा कि पत्नी गुटखा खाकर घर में कहीं भी थूक देती थी.
लगातार कर रही थी प्रताड़ित
पति ने कोर्ट को बताया कि उसकी पत्नी शराब पीने की आदी है. उसने कई बार मना करने की कोशिश की. 30 दिसंबर 2015 को अपने ऊपर आग लगाकर आत्महत्या करने की कोशिश की. ससुरालवालों ने आग बुझाकर उसकी जान बचाई. इतनी ही नहीं पति और उसके घरवालों को इस मामले में फंसा दिया. बिलासपुर हाई कोर्ट के जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस राधाकिशन अग्रवाल की डबल बेंच ने इन आधारों पर पति को तलाक मांगने का अधिकारी बताया है.
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क्या है पूरा मामला
छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के बांकीमोंगरा के युवक की 19 मई 2015 को शादी हुई थी. शादी के सप्ताह भर बाद ही उसकी पत्नी बिस्तर पर बेहोश मिली. इलाज कराने पर पता चला कि पत्नी शराब पीने की आदी है. इतनी ही नहीं वह मांस खाने और गुटखा खाने की भी आदी है. ससुराल वालों ने जब उसे समझाने की कोशिश की तो उसने उनके साथ ही दुर्व्यवहार शुरू कर दिया. इस मामले में निचली अदालत ने पति की अर्जी को खारिज कर दिया था लेकिन हाईकोर्ट से उसे राहत मिली है.
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'पत्नी का शराब पीना और मांस खाकर पति को परेशान करना भी क्रूरता', तलाक के मामले में HC अहम की टिप्पणी