डीएनए हिंदी: देश में लगातार प्रदूषण बढ़ रहा है. इस बीच उत्तर भारत के अलग-अलग राज्य में इस समय पराली जलाने की घटनाएं देखने को मिल रही हैं. ऐसे में राज्य सरकारों द्वारा पराली जलाने से रोकने के लिए अलग-अलग प्रावधान किए गए हैं लेकिन उत्तर प्रदेश में इस पर बड़ा फैसला लिया गया है जिसके तहत यदि किसानों ने पराली जलाई तो लोगों को पीएम किसान सम्मान निधि योजना का पैसा नहीं मिलेगा.
जानकारी के मुताबिक पराली जलाना पर्यावरण के लिए खतरा है क्योंकि ये वायु प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण बनता है जिसको लेकर सरकार काफी सख्त है. ये फैसला उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में लिया गया है. अगर कोई पराली जलाता पकड़ा जाता है तो इसमें 1 एकड़ तक जमीने के लिए ढाई हजार रुपए जुर्माना है और 1 एकड़ से ऊपर होने पर 5,000 तक का जुर्माना लगाया जाता है.
इस मामले में कृषि विभाग में डिप्टी डायरेक्टर अरविंद सिंह ने बताया कि लगातार शिकायतें आती थीं लेकिन सेटेलाइट से मिली तस्वीरों के आधार पर एक्शन लेने से पिछले वर्ष लगभग 23 मामले आए थे लेकिन इस साल केवल एक मामला आया है इसका मतलब है लोग अब जागरूक हो रहे हैं. वहीं अब जो लोग पराली जलाएंगे उनके खिलाफ अब सख्त एक्शन लिया जाएगा.
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इस मामले में CPCB के मुताबिक सबसे ज्यादा असंतुलन हवा में धूल के बारीक कणों के घनत्व में देखने को मिल रहा है. शुक्रवार को 2.5 माइक्रॉन से छोटे धूल के कणों का घनत्व बढ़ गया. इसे पीएम-2.5 कहते हैं. शुक्रवार को पीएम 2.5 का घनत्व अधिकतम 308 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा है जबकि न्यूनतम घनत्व 81 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा है.
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अगर खेतों में जलाई पराली तो किसानों को नहीं मिलेगा किसान सम्मान निधि योजना का फायदा