डीएनए हिंदी: हिमाचल प्रदेश में आसमान से आफत बरस रही है. भारी बारिश की वजह से राज्य में भूस्खलन की घटना थम नहीं रही हैं. कुल्लू जिले में कई इमारतें ढह गईं और मंडी जाने वाली सड़क अवरुद्ध होने के चलते सैकड़ों यात्रियों को राहत शिविरों की शरण लेनी पड़ी. हालात ऐसे हैं कि हजारों लोग बेघर हो गए हैं. राज्य में अब तक 367 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई लोग लापता हैं. तबाही का मंजर ऐसा है कि 12 हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा का नुकसान हो चुका है. प्रदेश में मानसून सीजन के इतिहास में यह पहली सबसे बड़ी त्रासदी है.
शिमला के समर हिल इलाके में 14 अगस्त को हुए भूस्खलन में एक शिव मंदिर मलबे में दब गया था. आज उसके मलबे से तीन और शव बरामद किए गए हैं. अधिकारियों ने बताया कि कुल्लू के आनी कस्बे में गिरी सात या आठ इमारतों को पहले ही खाली करा लिया गया था और कोई हताहत नहीं हुआ. अधिकारियों ने शुक्रवार को शिमला के सभी स्कूलों को बंद रखने का आदेश दिया है. इस महीने राज्य में भूस्खलन और बारिश से संबंधित अन्य घटनाओं में लगभग 120 लोगों की मौत हो चुकी है. 14 अगस्त के बाद से ही लगभग 80 लोग मारे गए हैं. 24 जून को मानसून शुरू होने के बाद से हिमाचल प्रदेश में कुल 367 लोगों की मौत हुई है.
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लोग राहत शिविर में रहने को मजबूर
अधिकारियों ने कहा कि कुल्लू-मंडी राजमार्ग पर फंसे लोगों को पंडोह, औट और बजौरा में होटलों, विश्राम गृहों और घरों में बनाए गए राहत शिविरों में स्थानांतरित कर दिया गया है. भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र के दोनों ओर कई वाहन फंसे हुए देखे जा सकते हैं. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राहत शिविरों में लगभग 950 लोगों को भोजन के पैकेट वितरित किए गए. आनी के सब डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) नरेश वर्मा ने कहा कि दुकानों, बैंकों और घरों के अलावा अन्य वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों वाली सात से 8 इमारतों में चार-पांच दिन पहले दरारें आ गई थीं. उन्होंने कहा कि इमारतों को हाल ही में असुरक्षित घोषित कर खाली करा लिया गया था और नुकसान का आकलन किया जा रहा है.
वर्मा ने कहा कि आनी में राष्ट्रीय राजमार्ग-305 के किनारे अन्य असुरक्षित इमारतों को भी एहतियात के तौर पर खाली करा लिया गया है. राज्य में अब तक 2,350 से ज्यादा घर गिर चुके हैं. हाल ही में शिमला में हुए तीन बड़े भूस्खलनों के मलबे से अब तक 27 शव बरामद किए जा चुके हैं. शिमला के पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी ने बताया कि शिव मंदिर से 20 शव बरामद किए गए हैं, जबकि फगली में पांच और कृष्णानगर में दो शव बरामद हुए हैं. अधिकारी ने कहा कि मंदिर के मलबे से पहले नीरज ठाकुर (45) नामक व्यक्ति का शव बरामद किया गया और अब समायरा (4) और पवन (64) के शव बरामद हुए हैं.
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हिमाचल में 12,000 करोड़ रुपये का नुकसान
सीएम मुख्यमंत्री सुक्खू ने दावा किया कि राज्य को अब तक 12,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में गुरुवार को भी भारी बारिश हुई. पालमपुर में 137 मिलीमीटर, नाहन में 93 मिलीमीटर, शिमला में 79 मिलीमीटर, धर्मशाला में 70 मिलीमीटर और मंडी में 57 मिलीमीटर बारिश हुई. स्थानीय मौसम विभाग कार्यालय ने शुक्रवार को भारी बारिश की चेतावनी जारी की और 30 अगस्त तक राज्य में बारिश होने का अनुमान जताया. प्रधान सचिव (राजस्व) ओंकार चंद शर्मा ने कहा कि राज्य में कम से कम 729 सड़कें बंद हैं और 2,897 बिजली ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त होने से कई इलाकों में बिजली नहीं है. हिमाचल प्रदेश में इस मानसून में तीन बार भारी बारिश हुई. सबसे पहले 9 और 10 जुलाई को मंडी व कुल्लू जिलों में बड़े पैमाने पर तबाही हुई. दूसरे दौर में 14 व 15 अगस्त को शिमला और सोलन जिले प्रभावित हुए. तीसरे दौर में मंगलवार की रात शिमला शहर को भारी नुकसान हुआ. (इनपुट-भाषा)
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हिमाचल में कुदरत की तबाही, 367 मौतें, 2350 घर जमींदोज और 12000 करोड़ का नुकसान