डीएनए हिंदी: हिमाचल प्रदेश में बाढ़ और बारिश की वजह से हालात बेकाबू हो गए हैं. बुधवार को सिरमौर में बादल फटने की वजह से गिरी नदी का जल स्तर काफी बढ़ गया है. प्रदेश की सभी प्रमुख नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. 24 जून से लगातार हो रही बारिश और बाढ़ की वजह से प्रदेश सरकार को अब तक 6687.22 का नुकसान होने का अनुमान है. बाढ़ की वजह से 300 से ज्यादा सड़क मार्ग अभी बंद पड़े हुए हैं. प्रदेश के ऊपरी हिस्सों में बाढ़ की वजह से ज्यादा नुकसान हो रहा है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खु बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं. इस आसमानी आफत में अब तक 223 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 295 से ज्यादा लोगों के घायल होने की सूचना है.
बारिश ने मचाई भारी तबाही, 8000 घरों को नुकसान
बारिश और बाढ़ से हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था बुरी तरह से चरमरा गई है. राज्य सरकार ने 8000 घरों के नुकसान का अनुमान है वहीं प्रदेश के अलग-अलग विभागों के नुकसान का आकलन किया जाए तो यह 6687.22 करोड़ तक होने का अनुमान है. मानसून के बाद से लगातार बारिश हो रही है और इस वजह से चंबा और कांगड़ा जैसे जिलों में स्कूल-कॉलेज भी नहीं चल पा रहे हैं. प्रदेश के राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि मुख्यमंत्री बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहे हैं और पीड़ितों को हर संभव मदद की जाएगी.
#WATCH | Himachal Pradesh | Water flow of Giri River increases after a cloudburst in Sirmour (09/08) pic.twitter.com/1SjCG4J13B
— ANI (@ANI) August 9, 2023
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सड़क मार्ग बंद, जनजीवन पूरी तरह से ठप
लगातार बारिश की वजह से कई इलाके में भूस्खलन हो रहे हैं. बाढ़ और भूस्खलन की वजह से 300 से ज्यादा सड़कों पर आवागमन बिल्कुल बंद कर दिया गया है. प्राकृतिक आपदा की वजह से लोक निर्माण विभाग को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है क्योंकि निर्माण कार्यों पर पाबंदी लगी हुई है. इसके अलावा पर्यटन उद्योग भी ठप पड़ा है. ब्यास, गिरी समेत तमाम नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं और जल-प्रवाह काफी तेज है. लोगों को जितना संभव हो सके ड्राइविंग और बारिश में घर से बाहर नहीं निकलने का निर्देश दिया गया है.
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प्रदेश भर में आपदा का कहर ऐसा है कि 885 घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुके हैं. इसके अलावा 7 हजार 592 घरों को आंशिक तौर पर नुकसान हुआ है. जान माल की हानि का अनुमान इससे लगा सकते हैं कि 260 दुकानें और 2 हजार 481 पशु घर भी पानी में पूरी तरह से बर्बाद हो चुके हैं. प्रदेश भर में अब तक 80 भूस्खलन और 53 फ्लैश फ्लड की घटनाएं हो चुकी हैं. भारी बारिश को देखते हुए गुरुवार के लिए भी रेड अलर्ट जारी किया गया है.
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आसमानी आफत से हिमाचल में तबाही, अब तक 223 जानें गईं, हजारों करोड़ का नुकसान