हरियाणा विधानसभा चुनाव (Haryana Assembly Election) के लिए सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं. जेजेपी और एएसपी (JJP-ASP Alliance) ने अपने गठबंधन का ऐलान कर दिया है. दुष्यंत चौटाला और चंद्रशेखर आजाद ने गठबंधन का ऐलान करते हुए कहा कि यह अलायंस प्रदेश की तरक्की और युवाओं के भविष्य को ध्यान में रखकर किया गया है. प्रदेश की 90 सीटों में से 70 पर जेजेपी अपने उम्मीदवार उतारेगी और आजाद समाज पार्टी के खाते में 20 सीटें आई हैं. जानें इस अलायंस से कांग्रेस औ बीजेपी में से किसके वोट बैंक में सेंध लग सकती है.
जाट-दलित और युवाओं के वोट बैंक पर नजर
हरियाणा विधानसभा चुनाव (2019) में जेजेपी का प्रदर्शन अच्छा रहा था और पार्टी 10 सीटें जीतने में कामयाब रही थी. चुनाव के बाद दुष्यंत चौटाला ने बीजेपी का समर्थन किया था और प्रदेश के डिप्टी सीएम बने थे. हालांकि, गठबंधन सरकार अपना 5 साल पूरा नहीं कर सकी और लोकसभा चुनाव से पहले चौटाला बीजेपी से अलग हो गए. अब उन्होंने आजाद समाज पार्टी के साथ गठबंधन किया है. हरियाणा की राजनीति में इस गठबंधन को दलित, जाट और युवा वोट बैंक को आकर्षित करने के लिए माना जा रहा है.
यह भी पढ़ें: यूपी के उपचुनाव में BJP का खेल बिगाड़ेगी आम आदमी पार्टी?
हालांकि, गठबंधन की राह इतनी आसान नहीं है. 10 साल सरकार चलाने के बाद बीजेपी के पास गिनाने के लिए अपनी उपलब्धियां हैं. प्रदेश और केंद्र सरकार की लाभकारी योजनाओं के साथ संगठन और पीएम नरेंद्र मोदी का चेहरा है. दूसरी तरफ कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में हरियाणा में दमदार उपस्थिति दिखाई है. कांग्रेस भी एकजुट होकर पूरी मजबूती से चुनाव लड़ने की कोशिश कर रही है. अब देखना होगा कि मतदाता किस पार्टी पर अपना भरोसा दिखाते हैं.
यह भी पढ़ें: केजरीवाल ने क्यों नहीं दी सिसोदिया को कुर्सी? क्या है इसका झारखंड-बिहार कनेक्शन? जानें पूरी बात
ख़बर की और जानकारी के लिए डाउनलोड करें DNA App, अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगल, फेसबुक, x, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.
- Log in to post comments
हरियाणा में दुष्यंत चौटाला और चंद्रशेखर आए साथ, जाट-दलित वोट बैंक पर नजर