भारतीय पहलवान विनेश फोगाट को कांग्रेस ने जींद की जुलाना सीट से उम्मीदवार बनाया है. जुलाना विधानसभा सीट इसलिए और भी खास हो जाती है क्योंकि जुलाना विनेश फोगाट का ससुराल भी है. विनेश फोगाट ने अपने विधानसभा चुनाव के लिए रैलियां भी शुरू कर दी है, लेकिन उनके इस चुनावी सफर में रोक लगती नजर आ रही है.
दरअसल रेलवे ने विनेश फोगाट के इस्तीफे को अस्वीकार कर दिया है. ऐसे में क्या अब महिला कुश्ती पहलवान एवं कांग्रेस नेता विनेश फोगाट का राजनीतिक सफर यहीं थम जाएंगा. इनता ही नहीं विनेश के साथ पहलवान बजरंग पूनिया ने भी इस्तीफा दिया था, लेकिन रेलवे ने उसे भी स्वीकार करने से मना कर दिया है.
इसके अलावा दोनों पहवानों के नाम रेलवे ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है. अब एक नजर चुनाव आयोग के नियम पर भी डालते हैं. दरअसल चुनाव आयोग के नियम अनुसार जब तक उनका इस्तीफा रेलवे स्वीकार नहीं कर लेता और एनओसी नहीं दे देता तब तक वह नामांकन नहीं कर सकती.
फिलहाल विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया दोनों ही रेलवे रिकॉर्ड में सरकारी कर्मचारी है. रेलवे के नियम के अनुसार जब इस्तीफा देने के बाद तीन महीने का नोटिस पीरियड भी सर्व करना होता है. रेलवे ने दोनों के नाम पर नोटिस जारी कर उनसे इस्तीफा देने का कारण पूछा है.
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माना जा रहा है कि विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया की तरफ से जवाब मिलने के बाद रेलवे दोनों को कार्यमुक्त कर सकती है. लेकिन मौजूदा स्थिति ये है कि जब तक उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं हो जाता तब तक वह किसी भी राजनीतीक पार्टी को ज्वाइन नहीं कर सकते और न हीं चुनाव लड़ सकते हैं.
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विनेश के सियासत में बढ़ते कदमों पर रोक, रेलवे ने नहीं स्वीकारा इस्तीफा, अब कैसे करेंगी नामंकन