डीएनए हिंदी: वाराणसी कोर्ट के आदेश पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) विभाग सोमवार यानी 24 जुलाई से ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सर्वे का काम शुरू करेगी. एएसआई की टीम रविवार रात वाराणसी पहुंच गई है. टीम ने वाराणसी के पुलिस कमिश्नर के साथ मीटिंग भी कर ली है. ASI को 4 अगस्त को अपने सर्वे की रिपोर्ट वाराणसी जिला अदालत में सौंपनी है. कोर्ट ने शनिवार को हिंदू पक्ष की मांग पर वजूखाने को छोड़कर सम्पूर्ण मस्जिद परिसर एएसआई सर्वे कराने का आदेश दिया था.

ज्ञानवापी और आदि विश्वेश्वर मामलों के विशेष अधिवक्ता राजेश मिश्रा ने बताया कि वाराणसी के जिला न्यायाधीश एके विश्‍वेश ने शुक्रवार को यह फैसला सुनाया. मिश्रा ने बताया कि जज विश्वेश की अदालत ने हिंदू पक्ष की मांग को स्वीकार करते हुए ज्ञानवापी मस्जिद के वैज्ञानिक सर्वेक्षण की अनुमति दी. मिश्रा ने कहा, अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख 4 अगस्त तय की है. अदालत ने 14 जुलाई को हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्षों को सुनने के बाद 21 जुलाई के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया था. मामले में हिंदू पक्ष द्वारा दायर याचिका में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वेक्षण करने का निर्देश देने की मांग की गई थी.

कोर्ट के आदेश में कहा गया कि एएसआई के निदेशक को ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (GPR) सर्वेक्षण, उत्खनन, डेटिंग पद्धति और वर्तमान संरचना की अन्य आधुनिक तकनीकों का उपयोग करके एक विस्तृत वैज्ञानिक जांच करें. ताकि पता लगाया जा सके कि इसका निर्माण क्या पूर्व में हिंदू मंदिर की संरचना के ऊपर किया गया था? अदालत के इस आदेश का मुस्लिम पक्ष ने विरोध किया है.

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मुस्लिम पक्ष ने जताया विरोध
मुस्लिम पक्ष के वकील मो. तौहीद खान ने कहा कि वे इस आदेश के खिलाफ ऊपरी अदालत अपील करेंगे. उन्होंने कहा, ‘यह स्वीकार्य नहीं है और हम इसके खिलाफ ऊपरी अदालत में जाएंगे. इस सर्वेक्षण से मस्जिद को नुकसान हो सकता है.’ हिंदू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने पहले तर्क दिया था कि काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद विवाद को पूरे मस्जिद परिसर की पुरातात्विक जांच से ही हल किया जा सकता है. उन्होंने कहा था कि ज्ञानवापी परिसर के तीन गुंबदों, परिसर की पश्चिमी दीवार और पूरे परिसर की आधुनिक तरीके से जांच करने पर स्थिति स्पष्ट हो सकती है.

पिछले मई में मुस्लिम पक्ष ने एक याचिका पर अपनी आपत्ति दर्ज की थी, जिसमें पूरे ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वेक्षण करने के लिए एएसआई को निर्देश देने की मांग की गई थी. 16 मई को वाराणसी की जिला अदालत ने काशी विश्‍वनाथ मंदिर के बगल में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद के पूरे परिसर का भारतीय पुरातत्‍व सर्वेक्षण (एएसआई) से सर्वेक्षण कराने का आग्रह करने वाली याचिका सुनवाई के लिए मंजूर कर ली थी. विष्णु शंकर जैन ने बताया था, 'हमने वजुखाने को छोड़ कर सम्पूर्ण ज्ञानवापी परिसर की पुरातात्विक और वैज्ञानिक तरीके से जांच करने की मांग अदालत के समक्ष रखी थी.' अदालत ने मांग को स्वीकार करते हुए सर्वेक्षण की अनुमति दी है.

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मस्जिद के फव्वारे को हिंदू पक्ष ने बताया शिवलिंग
अगस्त 2021 में पांच महिलाओं ने स्थानीय अदालत में एक याचिका दायर की थी जिसमें मस्जिद परिसर के अंदर स्थित मां श्रृंगार गौरी स्थल पर नियमित पूजा के अधिकार की मांग की गई थी. अप्रैल 2022 में दिवानी न्यायाधीश (सीनियर डिवीजन) की अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वेक्षण का आदेश दिया था. मुस्लिम पक्ष के विरोध के बीच सर्वेक्षण अंततः मई 2022 में पूरा हुआ था. इसी दौरान हिंदू पक्ष ने मस्जिद परिसर के अंदर वजू के लिए बने तालाब में ‘शिवलिंग’ मिलने का दावा किया था, वहीं मुस्लिम पक्ष ने इसे फव्वारा बताया था.  (भाषा इनपुट के साथ)

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ज्ञानवापी मस्जिद में आज से शुरू होगा सर्वे, वाराणसी पहुंची ASI की टीम, 4 अगस्त क
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ज्ञानवापी मस्जिद में शुरू हुआ ASI का सर्वे, जानिए क्या जानने की है कोशिश