गोवा एक ऐसी जगह है जहां पर देश के कोने-कोने से लोग घूमने पहुंचते हैं. लोग यहां अपने परिवार के साथ छुट्टियां मनाने दोस्तों के साथ एन्जॉय करने जाते हैं. लेकिन हैरानी की बात तो ये है कि जिस जगह पूरे देश से लोग पहुंचते है, वही के हजारों लोगों ने उस जगह को छोड़ दिया हैं.
हाल ही में गोवा में विधानसभा में विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण ऑफिस (एफआरआरओ-FRRO) की एक रिपोर्ट पेश की गई. इस रिपोर्ट ने चौकाने वाला खुला किया है. रिपोर्ट के अनुसार, पिछले एक दशक में गोवा में लगभग 26 हजार लोगों ने अपने भारतीय पासपोर्ट सरेंडर किए हैं.
लेकिन सवाल ये है कि ऐसा क्यों हो रहा है. जिस राज्य को पर्रटन का हब माना जाता है. जहां पर पूरे देश से लोग घूमने आते हैं. आखिर वहीं के निवासी गोवा क्यो छोड़ रहे हैं.
विधानसभा में इस बारे में जब गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि "1 जनवरी 2014 से 31 मार्च 2024 के बीच गोवा राज्य में 25,939 लोगों ने अपने भारतीय पासपोर्ट सरेंडर किए हैं.
इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित हुई एक खबर के हवाले से, एक अधिकारी ने बताया कि कि अधिकांश लोग भारतीय पासपोर्ट सरेंडर कर पुर्तगाली नागरिकता हासिल की है. अधिकारी ने आगे बताया कि "चूंकि पुर्तगाली पासपोर्ट वाले ब्रिटेन और यूरोपीय संघ सहित कई देशों में वीजा फ्री आ जा सकते हैं.
इसलिए पिछले कुछ दशकों में गोवा में कई लोग पुर्तगाल की राजधानी लिस्बन के सेंट्रल रजिस्ट्री सेंटर में अपने जन्म-प्रमाण पत्र का दिटेल दर्ज करवा रहे हैं. ये लोग विदेशों में रोजगार और शैक्षिक अवसरों का लाभ उठाने के लिए पुर्तगाली नागरिकता प्राप्त कर रहे हैं.
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जहां देशभर के लोग आते हैं घूमने, वहीं गोवावासी क्यों होते जा रहे पुर्तगाली?