विश्व वोक्कालिगा महासमस्तन मठ के महंत कुमार चंद्रशेखरनाथ (Kumara Chandrashekaranatha) स्वामीजी के खिलाफ मुसलमानों को वोट देने के अधिकार से वंचित करने के बारे में उनके विवादास्पद बयान के लिए एफआईआर दर्ज की गई है. न्यूज एजेंसी PTI ने शुक्रवार को पुलिस के हवाले से बताया कि उन्होंने सुझाव दिया था कि मुसलमानों को उनके वोट देने के अधिकार से वंचित करने के लिए एक कानून बनाया जाना चाहिए.
कब दिया विवादित बयान?
कुमार चंद्रशेखरनाथ ने यह बयान कर्नाटक के वक्फ बोर्ड द्वारा जारी नोटिस के जवाब में मंगलवार को भारतीय किसान संघ द्वारा आयोजित एक विरोध प्रदर्शन के दौरान दिया. अपने भाषण में, महंत ने किसानों और उनकी भूमि की रक्षा के लिए एकता का आह्वान किया और तर्क दिया कि मुसलमानों को मतदान के अधिकार से वंचित किया जाना चाहिए. उन्होंने वक्फ बोर्ड की भी आलोचना करते हुए कहा कि किसी और की जमीन लेना 'धर्म' के खिलाफ है.
Kumara Chandrashekaranatha ने क्या कहा था?
कुमार चंद्रशेखरनाथ ने कहा, 'किसानों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ सभी को लड़ना चाहिए. ऐसा कहा जाता है कि वक्फ बोर्ड किसी की भी जमीन पर दावा कर सकता है. यह बहुत बड़ा अन्याय है. किसी और की जमीन छीनना धर्म नहीं है. इसलिए सभी को यह सुनिश्चित करने के लिए लड़ना चाहिए कि किसानों की जमीन उनके पास ही रहे.'
हालांकि, बुधवार को उन्होंने अपने बयान के लिए ये कहते हुए माफी मांग ली थी कि उनकी जुबान फिसल गई थी. उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि मुसलमान भी देश के नागरिक हैं और अन्य लोगों की तरह उन्हें भी वोट देने का अधिकार है.
पुलिस ने दर्ज की शिकायत
एक सामाजिक कार्यकर्ता की शिकायत के बाद बुधवार को उप्परपेट थाने में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई. पुलिस ने कहा, 'हमने उनके (स्वामीजी) खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 299 (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य, किसी वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करके उसकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का इरादा) के तहत मामला दर्ज किया है.'
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इस बीच, लोकसभा ने गुरुवार को वक्फ संशोधन विधेयक पर संयुक्त समिति का कार्यकाल 2025 के बजट सत्र के अंत तक बढ़ाने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया. जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने उल्लेख किया कि बुधवार को समिति की बैठक के दौरान यह बात सामने आई कि करीब छह राज्यों में वक्फ संपत्ति के स्वामित्व को लेकर विवाद मौजूद हैं. इन चल रहे विवादों को देखते हुए समिति का कार्यकाल बढ़ाने का निर्णय लिया गया.
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‘मुसलमानों को वोट देने का अधिकार नहीं होना चाहिए’ विवादित टिप्पणी के खिलाफ महंत पर FIR दर्ज