वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2004 से 2014 के बीच कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार के कार्यकाल के बारे में एक श्वेत पत्र संसद के पटल पर रखा है. इसके जरिए मोदी सरकार ने दावा किया है कि यूपीए के 10 साल के कार्यकाल में आर्थिक बदहाली थी. बीजेपी सरकार ने इस श्वेत पत्र में कहा है कि NDA की सरकार ने त्वरित समाधान करने के बजाय, साहसिक सुधार किए हैं. अब शुक्रवार दोपहर 12 बजे से संसद में इस श्वेत पत्र पर चर्चा हो सकती है.

इस श्वेत पत्र में कहा गया है, 'साल 2014 में अर्थव्यवस्था संकट में थी, तब श्वेतपत्र प्रस्तुत किया जाता तो नकारात्मक स्थिति बन सकती थी और निवेशकों का आत्मविश्वास डगमगा जाता. राजनीतिक और नीतिगत स्थिरता से लैस NDA सरकार ने पूर्ववर्ती UPA सरकार के विपरीत बड़े आर्थिक फायदों के लिए कड़े फैसले लिए. त्वरित समाधान करने के बजाय, एनडीए सरकार ने साहसिक सुधार किए.

यह भी पढ़ें- भानुमति के कुनबे की तरह बिखरा इंडिया गठबंधन, आप ने अकेले लड़ने का किया ऐलान

बजट के समय किया था वादा
इससे पहले, निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश करते हुए अपने भाषण में कहा था कि यूपीए सरकार के 10 वर्षों के कार्यकाल (2004-14) में हुए 'आर्थिक कुप्रबंधन' पर श्वेत पत्र जारी किया जाएगा. सीतारमण ने कहा, 'मैं भारतीय अर्थव्यवस्था पर श्वेत पत्र हिंदी और अंग्रेजी संस्करण में पेश करती हूं.'

यह भी पढ़ें- नरेंद्र मोदी की 10 योजनाएं जिनका काट ढूंढ ले विपक्ष तो पक्की हो जाएगी जीत

लोकसभा में पेश किए गए श्वेत पत्र में आगे कहा गया है, 'बैंकिंग समस्या यूपी सरकार की सबसे बड़ी नाकामयाबियों में से एक थी. जब अटल बिहारी वाजपेयी की अगुवाई में एनडीए की सरकार बनी तब पब्लिक सेक्टर बैंकों का ग्रॉस NPA रेशियो 16.0 पर्सेंट था और जब सरकार का कार्यकाल खत्म हुआ तब यह 7.8 प्रतिशत था. सितंबर 2013 में यह रेशियो बढ़कर 12.3 प्रतिशत हो गया था क्योंकि पब्लिक सेक्टर बैंकों से लोन दिए जाने के मामले में राजनीतिक हस्तक्षेप किया गया.'

श्वेत पत्र में लिखा है, 'एनडीए सरकार ने पिछले 10 सालों में पिछली UPA सरकार द्वारा छोड़ी गई चुनौतियों पर सफलतापूर्वक काबू पाया. यूपीए सरकार आर्थिक गतिविधियों को सहूलियत दे पाने में बुरी तरह नाकाम रही, इसने बाधाएं खड़ी की जिससे अर्थव्यवस्था आगे बढ़ नहीं पाई. 2014 से पहले के दौर की हर एक चुनौती से एनडीए सरकार के आर्थिक प्रबंधन एवं शासन के जरिये निपटा गया.'

श्वेत पत्र में कहा गया है, 'यूपीए सरकार के 10 साल नीतिगत गड़बड़ियों और घोटालों से भरे हुए थे. उदाहरण के लिए- सार्वजनिक संसाधनों (कोल और टेलीकॉम स्पेक्ट्रम) की अपारदर्शी नीलामी हुई, बैंकिंग सेक्टर में चहेतों को गलत तरीके से लोन दिए गए. 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला हुआ जिसके तहत 122 टेलीकॉम लाइसेंस दिए गए और CAG के अनुमानों के मुताबिक 1.76 लाख करोड़ का नुकसान हुआ. CWG और अन्य घोटाले भी हुए. ये दर्शाते हैं कि उस समय कितनी राजनीतिक अनिश्चितता थी और निवेश के मामले में भारत की कितनी खराब छवि थी.'

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Url Title
finance minister nirmala sitharaman tables white paper on 10 years of congress here are highlights
Short Title
Nirmala Sitharaman ने पेश किया श्वेत पत्र, जानिए कांग्रेस पर क्या आरोप लगाए
Article Type
Language
Hindi
Section Hindi
Created by
Updated by
Published by
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
Nirmala Sitharaman
Date updated
Date published
Home Title

'खराब मैनेजमेंट, घोटाले, भ्रष्टाचार', श्वेत पत्र में यूं घिरी UPA सरकार

 

Word Count
629
Author Type
Author