हरियाणा और पंजाब के शंभू बॉर्डर पर हजारों किसान जुटे हैं. दिल्ली आने की कोशिश में लगे इन किसानों को रोकने के लिए हरियाणा पुलिस ने कई लेयर की बैरिकेडिंग कर दी है. पत्थर के गर्डर रखे गए हैं, कंटीले तारों की बाड़ लगी है और सड़क पर नुकीली कीलों को सीमेंट से जाम कर दिया गया है. इसके अलावा, किसानों को पीछे खदेड़ने के लिए पुलिस जमकर आंसू गैस का इस्तेमाल कर रही है. आंसू गैस का गोला फेंकने के लिए पुलिस ड्रोन का भी इस्तेमाल कर रही है. दूसरे ही दिन किसानों ने इसका तोड़ भी निकाल लिया है. अब किसान ड्रोन का मुकाबला करने के लिए पतंग, टेनिस बॉल और भीगे बोरों का इस्तेमाल कर रहे हैं.
पिछली बार जब किसान आंदोलन हुआ था तो किसानों को शंभू बॉर्डर पर नहीं रोका जा सका था और वे दिल्ली के सिंघू बॉर्डर तक आ गए थे. इस बार सरकार ने पहले से ही तैयारी की थी. जबरदस्त इंतजाम का ही नतीजा है कि किसान अभी तक शंभू बॉर्डर को पार नहीं कर पाए हैं. किसानों का कहना है कि मंगलवार सुबह से रात तक आंसू गैस के गोले दागे गए. सोशल मीडिया पर कई वीडियो भी सामने आए जिनमें देखा गया कि पुलिस ड्रोन की मदद से आंसू गैस के गोले गिरा रही थी और किसानों को दूर तक खदेड़ रही थी.
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ड्रोन का मुकाबला कैसे?
अब ड्रोन से निपटने के लिए किसानों ने पतंग निकाल ली है. बुधवार को वसंत पंचमी के मौके पर किसानों ने पतंग उड़ाकर ड्रोन को डिस्टर्ब करने और उसे गिराने की कोशिश की. कुछ किसानों ने यह भी बताया कि मंगलवार को ड्रोन गिराने के लिए कुछ किसानों ने पत्थर चलाए थे लेकिन इनसे खुद किसानों को ही चोट लग रही थी. ऐसे में अब टेनिस बॉल लाई गई है और इसी से ड्रोन पर निशाना लगाया जा रहा है.
दूसरी तरफ, लगातार चल रहे आंसू गैस के गोलों को डिफ्यूज करने के लिए भी किसानों ने तोड़ ढूंढ लिया है. बुधवार को कई किसान पानी से भीगे जूट के बोरे लेकर आंसू गैस के गोलों को ढकते दिखे. किसानों का कहना है कि इससे आंसू गैस का धुआं वहीं शांत हो जाता है और वह फैल नहीं पाता. मंगलवार से ही लगातार आंसू गैस के गोले छोड़कर पुलिस ने किसानों को अभी तक शंभू बॉर्डर पर ही रोके रखा है.
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सिंघू बॉर्डर पर कैसे हैं हालात?
अगर बात दिल्ली के सिंघु बॉर्डर की करें तो सिंघू बॉर्डर पर बैरिकेडिंग रोड डिवाइडर और उसके ऊपर नुकीले तार से पूरे बॉर्डर को सील कर दिया गया है. पुलिस के आला अधिकारी यहां पर लगातार स्थिति का जायजा लेते नजर आ रहे हैं. हर पोल पर सीसीटीवी कैमरे यहां पर लगाए गए हैं. ड्रोन से हर गतिविधि पर पहली नजर यहां पर रखी जा रही है. दिल्ली की अगर बात करें तो यह जो सिंघू बॉर्डर है यहां पर दिल्ली के अंदर हिमाचल, हरियाणा और पंजाब से लगातार गाड़ियों की एंट्री होती रहती है और इसे काफी बिजी बॉर्डर गिना जाता है.
यहां पर पुलिस के पुख्ता इंतजाम यहां पर नजर आ रहे हैं. रोड डिवाइडर के बीच में सीमेंटेड घोल भी यहां पर डाला गया है ताकि यह पूरी तरह जाम हो जाए और हिल न सके. हरियाणा पुलिस ने 2 साल पहले हुए किसान आंदोलन से सबक लेते हुए इस बार अपनी रणनीति में बदलाव किया है और वह योजनाबद्ध तरीके से काम कर रही है.
हरियाणा पुलिस को अपनी रणनीति पर पूरा विश्वास है कि किसानों को शंभू बॉर्डर पार नहीं करने दिया जाएगा लेकिन अगर फिर भी किसान हरियाणा में प्रवेश करते हैं तो उसके लिए पानीपत और सोनीपत पुलिस ने पूरी तरह से रणनीति को अंतिम रूप दे दिया है इसके लिए पुलिस की शक्ति को दो गुना करने के लिये पट्टी कल्याणा में बैरिकेडिंग की जाएगी.
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सोनीपत पुलिस कमिश्नर सतीश बालन ने बताया कि किसान अभी शंभू बॉर्डर तक ही सीमित हैं. हरियाणा पुलिस किसानों को वहीं रोकने में सफल हुई है. उन्होंने जानकारी दी कि पानीपत और सोनीपत की पुलिस ने पट्टी कल्याणा में किसानों को रोकने का निर्णय लिया है. कमिश्नर ने जानकारी दी कि केंद्रीय बल की 5 कंपनियां यहां पर तैनात की जाएंगी. इसके साथ 3 कंपनी सोनीपत पहुंच चुकी है.
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सरकारी ड्रोन के सामने पतंग और टेनिस बॉल, कुछ यूं मुकाबला कर रहे किसान