खनौरी बॉर्डर पर हिंसक झड़प के बाद किसान संगठनों ने बुधवार को अपना 'दिल्ली चलो' मार्च (Delhi Chalo) दो दिन के लिए रोक दिया. जिसके बाद आज शंभू बॉर्डर (Shambhu Border) पर किसानों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पैरामिलिट्री फोर्स और हरियाणा पुलिस पर बड़ा आरोप लगाया है. किसान नेता ने दावा किया कि पैरामिलिट्री और हरियाणा पुलिस के कुछ जवानों ने पंजाब में घुसकर किसानों के टेंटों पर हमला किया और उनके 6 लोगों को जबरन उठाकर ले गए. जिनका अभी तक कुछ पता नहीं है.
उन्होंने कहा, 'हम अर्धसैनिक बलों के पंजाब में घुसने और किसानों के तंबुओं पर हमला करने के कदम की निंदा करते हैं. पंजाब सरकार को इसका जवाब देना चाहिए कि उसने हरियाणा पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स को पंजाब की सीमा में घुसने की अनुमति कैसे दी.'
'सरकार ने बर्बरता की सारी हदें की पार'
किसान नेता ने कहा कि सुरक्षाबलों की कार्रवाई के बाद से हमारे छह लोग लापता हैं. उनका अपहरण किया गया है. दुनिया में कहीं भी युद्ध के दौरान मानवता के आधार पर पैरामेडिक्स और डॉक्टरों की टीम पर कभी हमला नहीं किया जाता है, लेकिन खन्नौरी में उन्होंने चिकित्सा शिविरों और डॉक्टरों पर हमला किया और उन्हें लूटा. उनके सामान को भी उठाकर ले गए. उन्होंने कहा कि इस सरकार ने बर्बरता की सारी हदें पार कर दी हैं.
VIDEO | “Paramilitary forces and Haryana Police forces crossed the (state) border and attacked the farmers’ camp in Punjab. Our six people are missing after the action. Punjab government should give the answers,” says a farmer leader while addressing a press conference at Shambhu… pic.twitter.com/DF6f5HohLX
— Press Trust of India (@PTI_News) February 22, 2024
SKM आज लेगा फैसला
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी बॉर्डर पर स्थिति के बारे में चर्चा करने के लिए गुरुवार बैठक करेगा. पंजाब बॉर्डर पर हजारों किसान दिल्ली चलो के आह्वान के तहत डेरा डाले हुए हैं. एसकेएम ने 2020-21 में केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व किया था जिन्हें बाद में निरस्त कर दिया गया था. बैठक के लिए पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों से कई एसकेएम नेता पहुंचे.
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भारती किसान यूनियन (लाखोवाल) के महासचिव हरिंदर सिंह लाखोवाल ने कहा कि एसकेएम इस बात पर चर्चा करेगा कि बुधवार को शंभू और खनौरी सीमा बिंदुओं पर क्या हुआ था. उन्होंने कहा कि किसान संगठन इस बात पर भी निर्णय लेगा कि जारी आंदोलन का समर्थन किस तरह से किया जाए.
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी और कृषि ऋण माफी सहित अपनी मांगों को स्वीकार कराने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए 'दिल्ली चलो' मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं. खनौरी बॉर्डर पर हुई झड़प में एक किसान की मौत और लगभग 12 पुलिस कर्मियों के घायल होने के बाद किसान नेताओं ने दो दिनों के लिए कूच रोक दिया.
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किसान नेता का आरोप- पंजाब में घुसकर पैरामिलिट्री फोर्स ने 6 लोगों का किया अपहरण