मशहूर कानूनविद और एडवोकेट फाली एस नरीमन का 95 साल की उम्र में निधन हो गया है. नरीमन को साल 1991 में पद्म भूषण और 2007 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था. उनके बेटे आर नरीमन सुप्रीम कोर्ट के जज रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी एक एडवोकेट के रूप में वह अपनी सेवाएं दे चुके थे. एक वकील के तौर पर उनका करियर लगभग 70 साल का रहा.
कौन थे फाली नरीमन?
उनका पूरा फाली सैम नरीमन था. वह देश के कई चर्चित मुकदमों के वकील रहे थे. NJAC मामले में भी उनकी अहम भूमिका रही थी. कॉलेजियम सिस्टम वाले AoR असोसिएशन केस और संविधान के अनुच्छेद 30 के तहत अल्पसंख्यक अधिकारों वाले TMA पाई केस में भी उनकी अहम भूमिका रही थी.
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फाली नरीमन देश के अडिशनल सॉलिसिटर जनरल भी थे. इंदिरा गांधी की सरकार में इमरजेंसी लगाए जाने के खिलाफ नरीमन ने साल 1975 में अपने इस पद से इस्तीफा दे दिया था. मानवाधिकार से जुड़े कई मामलों में भी उन्होंने मजबूती से अपना तर्क रखा था. उनके बेटे रोहिंटन नरीमन भी सुप्रीम कोर्ट के जज रह चुके हैं.
अपनी बायोग्राफी में फाली नरीमन ने लिखा है, "मैं एक सेक्युलर भारत में पैदा हुआ और पला-बढ़ा. अगर ईश्वर की इच्छा होगी और समय इजाजत देगा तो मैं एक सेक्युलर भारत में ही मरना चाहूंगा."
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इमरजेंसी के विरोध में दिया था इस्तीफा, 95 साल की उम्र में फाली नरीमन का निधन